कुकरैल किनारे नहीं चलेगा बुलडोजर, सीएम योगी का निर्देश…

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– लखनऊ में रंग लाया बच्चों और महिलाओं का संघर्ष
– मुख्यमंत्री योगी ने कुकरैल नदी के किनारे बने मकान नहीं तोड़ने के आदेश दिए…

लखनऊ: राजधानी लखनऊ में कुकरैल( KUKRAIL )  नदी के किनारे बसे पंतनगर ,खुर्रमनगर और अबरार नगर में अब मकान नहीं तोड़े जाएंगे. प्रशासन द्वारा मकान तोड़ने के लिए घरों पर लगाए गए लाल निशान के बाद महिलाएं कई दिनों से प्रदर्शन कर रही थीं और अब मुख्यमंत्री योगी ने अफसरों से साथ बैठक में यह आदेश दिया है. सीएम ने बैठक में कहा कि नदी के किनारे 35 मीटर की चौड़ाई पर्याप्त है इसलिए इस संरचना के बाहर कोई भी संरचना प्रभावित नहीं होगी. सीएम के इस आदेश के बाद महिलाओं ने जश्न बनाया और मुख्यमंत्री को धन्यवाद कहा.

इन इलाकों में चलना था बुलडोज़र…

बता दें कि कुकरैल नदी के जीर्णोद्धार के लिए कुकरैल रिवर फ्रंट ( RIVER FRONT) कर दायरे में आए अकबर नगर के बाद रहीमनगर, खुर्रमनगर, पंतनगर, इंद्रप्रस्थ नगर और अबरार नगर के लोग अपने घरों को अवैध बताए जाने और इनपर लाल निशान लगाए जाने से गुस्से और गम में थे. इसके विरोध में लोग कई दिनों से प्रदर्शन कर रहे थे.

सीएम योगी तक पहुंचा मामला…

बता दें कि मामला तूल पकड़ने के बाद यह सीएम योगी ( CM YOGI ) तक पहुंचा. इसक बाद उन्होंने सोमवार देर शाम अधिकारियों की बैठक बुलाई और उन्हें निर्देश दिया कि कुकरैल नदी के किनारे बसे रहीमनगर, खुर्रमनगर, पंतनगर, इंद्रप्रस्थ नगर और अबरार नगर में अब मकान नहीं तोड़े जाएंगे. वहीं, प्रशासन पिछले कई दिनों से इन इलाकों में घरों पर लाल निशान लगा रहा था जिसका मतलब है कि इन घरों को तोडा जाएगा.

गोमती की सहायक है कुकरैल नदी…

मालूम हो कि लखनऊ में कुकरैल को ज्यादातर लोग नाले की नाम से जानते हैं लेकिन अधिकारियों ने बताया कि कुकरैल गोमती नदी की सहायक है. अब इसके 50 मीटर के दायरे को फ्लड प्लेन जोन बताते हुए उसमें हुए निर्माण को अवैध घोषित किया जा रहा है. लखनऊ में पहले अकबरनगर में 1800 मकानों को अवैध बताकर तोडा गया था.

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Kukrail Riverfront: कुकरैल नदी के किनारे बने मकानों पर नहीं चलेगा बुलडोजर, CM  योगी ने दिए निर्देश - Lalluram

दस्तावेज अवैध तो वैध क्या ?…

हालांकि अभी इन इलाकों में सर्वे कर घरों पर लाल निशान लगाया गया है. इतना ही नहीं प्रशासन की इस कार्यवाही पर यहां के लोगों ने पूछा कि अगर दस्तावेज अवैध है तो फिर वैध क्या ?…हम लोग यहां चार- पांच दशक से रह रहे हैं. सरकार को टैक्स देते रहे हैं और सरकार ने यहां विकास का काम भी कराया है तो यह अवैध कैसे. पंतनगर में लोगों ने दस्तावेज लेकर सत्याग्रह किया और हाथों में लेकर अपने मकानों की रजिस्ट्री दिखाई. लोगों का कहना है कि वे नगर निगम हाउस टैक्स की रसीद, पानी का बिल देते हैं. लेखपत्र का विवरण दे रखा है. दस्तावेज अवैध हैं तो वैध क्या है.

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