बजट 2023: किसानों के लिए मोदी सरकार का ब्लू प्रिंट। जानिए फसल सुरक्षा के लिए क्या है योजना
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मोदी सरकार का आखरी पूर्ण बजट पेश कर दिया है, इस बजट में कृषि के क्षेत्र को एक बड़ा तोहफा दिया है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि कृषि क्षेत्र के लिए कर्ज के लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा. 2023 के बजट में पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देने के साथ ही भारतीय बाजरा अनुसंधान संस्थान को उत्कृष्टता केंद्र के रूप में आगे बढ़ाया जाएगा. इसके साथ ही वित्त मंत्री ने एग्रीटेक स्टार्टअप्स को बड़ा बढ़ावा देने की घोषणा की है. सरकार ने कृषि के लिए एक डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे की घोषणा की, जो समावेशी किसान-केंद्रित सेवाओं को सक्षम बनाएगा.
पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन पर ध्यान देते हुए कृषि ऋण लक्ष्य को बढ़ाकर 20 लाख करोड़ रुपये किया जाएगा: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण #Budget2023 #budget #UnionBudget2023 #budgetnews #JC_Trending pic.twitter.com/aRdJm2tF56
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वित्त मंत्री ने कहा कि ये उपाय फसल सुरक्षा के लिए जरूरी हैं, जो देश में एग्रीटेक स्टार्टअप्स के लिए एक बड़ी उपलब्धि है. सीतारमण ने कहा कि मिलेट्स, कारीगर, कृषि ऋण, छोटे उद्यमी, छोटे किसान इस बार के बजट के फोकस में हैं. वित्त मंत्री ने कहा कि विकेंद्रीकृत भंडारण क्षमता स्थापित की जाएगी, जो किसानों को अपनी उपज को स्टोर करने में मदद करेगी. इस बार के बजट में भारत को मिलेट्स या मोटे अनाजों के लिए एक वैश्विक केंद्र बनने की परिकल्पना की गई है. निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम मिलेट्स के सबसे बड़े उत्पादक और दूसरे सबसे बड़े निर्यातक हैं. मिलेट्स की कई किस्में भारत में पैदा होती हैं.
कृषि से जुड़े स्टार्ट अप को प्राथमिकता दी जाएगी। युवा उद्यमियों द्वारा कृषि-स्टार्टअप को प्रोत्साहित करने के लिए कृषि त्वरक कोष की स्थापना की जाएगीः वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण#budget #UnionBudget2023 #budgetnews #JC_Trending pic.twitter.com/Bc9rlQquAO
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मछली पालन को बढ़ावा…
मछली पालन को बढ़ावा देने के बारे में सीतारमण ने कहा कि 6000 करोड़ रुपये की लागत से पीएम मत्स्य संपदा योजना की एक सब स्कीम बनाई जाएगी. रासायनिक खाद के संतुलित उपयोग को बढ़ावा देने के लिए पीएम-प्रणाम योजना की शुरुआत होगी. बहरहाल कृषि क्षेत्र में एग्रीटेक स्टार्टअप्स ने 2022 में फंडिंग की कमी का सामना किया था और निवेशकों से बड़ी रकम जुटाई, लेकिन भारत को अभी तक अपना पहला एग्रीटेक यूनिकॉर्न नहीं मिल सका है. सरकार द्वारा कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे के निर्माण के साथ अब क्या उम्मीद की जा सकती है कि एग्रीटेक स्टार्टअप्स इस वर्ष अधिक धन आकर्षित करेंगे और तेजी से आगे बढ़ेंगे