बजट 2023: भारतीय रेलवे को बजट से मिली बड़ी सौगात, खर्च के लिए रक़म बढ़ी

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वाराणसी: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज सदन के संयुक्त सत्र में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए बजट पेश कर दिया है जो मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आखिरी बजट भी है। सबसे बड़ी बात यह है कि इस आम बजट में भारतीय रेलवे के लिए 2.4 लाख करोड़ रुपये की घोषणा की है जो अब तक का सबसे अधिक पूंजी परिव्यय है।रेलवे के लिए यह बजट 2013-14 के रेल बजट से करीब 9 गुना अधिक है।

– यह नरेंद्र मोदी 2.0 सरकार का आखिरी पूर्ण बजट है जिसको आगामी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए 2023-24 के बजट घोषणा से मध्यम वर्ग के एक बड़े वर्ग को लाभ देने का एक प्रयास भी माना जा रहा है, जैसे कि रेलवे द्वारा यात्री टिकट या माल भाड़े में वृद्धि की संभावना भी नहीं है।

– जानकारी हेतु आपको बता दें कि केंद्रीय वित्त मंत्री ने पिछले वित्त वर्ष के लिए भारतीय रेलवे के लिए 1 लाख 40 हजार 367 करोड़ रुपये के बजट का प्रावधान किया था यह बजट पिछले वित्त वर्ष 2021-22 से करीब 20,311 करोड़ रुपये से भी ज्यादा था।इस बार के बजट में पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग, ज्वाइंट वेंचर और SPV यानि कि स्पेशल पर्पज व्हीकल में निवेश के लिए 38686.59 करोड़ रुपये भी रखे गए हैं।
रेलवे के जरिए व्यापार को नया आयाम देते हुए वित्त मंत्री ने डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) के लिए भी 15710.44 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं जिनकी संपत्ति रेलवे द्वारा संचालन, सुरक्षा और देखरेख के लिए आवंटन किया जाएगा।

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– इकोनॉमिक सर्वे के अनुसार रेलवे के बुनियादी ढांचे में तेज वृद्धि की एक बड़ी वजह सरकार द्वारा कोष आवंटन में पर्याप्त बढ़ोतरी है। इसके साथ ही समीक्षा में कोविड महामारी के बाद यात्री और माल ढुलाई, दोनों क्षेत्रों में सुधार के लिए रेलवे के प्रयासों की तारीफ भी की गई थी। समीक्षा में कहा गया है कि देशभर में बढ़ी हुई गतिशीलता और तेज ट्रेनों की मांग से आने वाले वर्षों में यात्री यातायात तेजी से बढ़ेगा।

– इस आम बजट में एक बड़ा ऐलान यह भी है कि रेलवे में निजी क्षेत्र की भागेदारी होगी साथ ही साथ पटरियों के नवीकरण में 17297 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
इसके लिए भारतीय रेल मंत्रालय और भारत सरकार ने कमर कस ली है क्योंकि समय के अनुसार रेलवे फास्ट ट्रेनों के संचालन पर जोर दे रहा है जिससे यात्रा और भी ज्यादा सुगम और जल्दी हो। बुलेट ट्रेन जैसी महत्वकांक्षी परियोजना इसका जीवंत उदाहरण है क्योंकि डीएफसी जैसे व्यापारिक द्वार के फैलाव और इसकी सुरक्षा के मद्दे नज़र टेक्नोलॉजी और इंटेलिजेंस के क्षेत्र में काम करना अत्यंत आवश्यक है।

– रेलवे सुरक्षा निधि में भी 45000 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए जाएंगे जिसके खर्च से इसका कायाकल्प करने में मदद मिलेगी।

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