चौटाला की कलाई पर ‘माया’ की राजनीतिक राखी
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले सभी राजनीतिक दल अपनी-अपनी तैयारियों में जुटे हुए हैं। इसी सिलसिले में उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो भी गुपचुप तरीके से राजनीतिक समीकरण बनाने में जुटी हुई हैं। वह इंडियन नेशनल लोकदल के साथ गठबंधन को मजबूत करने की पूरी कोशिश कर रही हैं।
इसी कड़ी में बुधवार को उन्होंने आइएनएलडी के नेता अभय चौटाला को राखी बांधी और उनको अपना भाई बना लिया। मायावती के इस कदम को राजनीति से जोड़कर देखा जा रहा है और इसको राजनीतिक रक्षाबंधन माना जा रहा है।
मायावती ने उनको राखी बांधी और माथे पर तिलक
दरअसल, INLD के नेता अभय चौटाला बीएसपी सुप्रीमो मायावती को हरियाणा के गोहाना में आयोजित होने वाली रैली में शामिल होने का निमंत्रण देने गए थे। जब दिल्ली स्थित मायावती के आवास पर अभय चौटाला पहुंचे, तो मायावती ने उनको राखी बांधी और माथे पर तिलक लगाया।
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यह रैली INLD के संस्थापक और पूर्व उपप्रधानमंत्री देवी लाल के जन्मदिन पर गोहाना में रैली आयोजित कर रही है। मायावती ने इस रैली में शामिल होने का निमंत्रण स्वीकार कर लिया है। 25 सितंबर को होने वाली इस रैली को अभय चौटाला के अलावा यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती भी संबोधित करेंगी।
बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था
बता दें कि 18 अप्रैल 2019 को दोनों दलों के बीच गठबंधन हुआ था। इसके तहत दोनों दलों ने साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव और यूपी व हरियाणा में होने वाले विधानसभा चुनावों को एक साथ मिलकर लड़ने का फैसला लिया। यूपी में बीएसपी ने समाजवादी पार्टी के साथ कई उप चुनाव लड़ने के बाद INLD के साथ गठबंधन किया। इन उप चुनावों में बीएसपी-सपा गठबंधन को जीत भी मिली थी, जबकि दूसरी ओर बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा था।
20 साल बाद दोनों पार्टियां एक साथ आई हैं
अप्रैल 2018 को हुए गठबंधन से पहले साल 1998 में दोनों पार्टियों ने मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ा था, जिसमें बीएसपी को एक और INLD को चार सीटों पर जीत मिली थी। हालांकि हरियाणा विधानसभा चुनाव में दोनों दल अलग हो गए थे। इस बार करीब 20 साल बाद दोनों पार्टियां एक साथ आई हैं।
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