ब्रिटेन का इंकार, यूएस ने बंद किए दरवाजे, कहां शरण लेंगी शेख हसीना ?

0

बांग्लादेश में आरक्षण के मुद्दे ने इतना तूल पकड़ा की पहले उसने हिंसा का रूप लिया और फिर गृहयुद्ध जैसे हालात बन गए हैं. फिर नतीजा ये हुआ कि वहां की प्रधानमंत्री शेख हसीना को पद और देश दोनों को छोड़कर भागना पड़ा. इसके बाद शेख हसीना ने भारत में अस्थाई शरण तो ले लीं, लेकिन अभी भी उन्हें राजनैतिक शरण की तलाश जारी है. वहीं फिलहाल ऐसा कोई देश नहीं है जो शेख हसीना को शरण देने की स्वीकृति दें. बांग्लादेश से भागते समय यह कहा जा रहा था कि, भारत में अस्थाई शरण लेने के बाद वह लंदन के लिए रवाना हो जाएंगी.

वहीं ब्रिटेन ने इस विकल्प को खत्म कर दिया और शेख हसीना को शऱण देने से इंकार कर दिया है. इसके बाद यूएसए से उम्मीद लगाई गई थी, लेकिन वहां पर भी शेख हसीना को निराशा का सामना करना पड़ा. हालांकि, यह कोई पहली बार नहीं है कि कोई नेता राजनैतिक शरण की गुहार लगा रहा है. कई सारे ऐसे नेता हैं जिन्होंने राजनैतिक शरण ली हैं, लेकिन मुश्किल तब आती है जब कोई देश नेता कोई राजनैतिक शरण देने को तैयार ही न हो. ऐसे में देखना यह होगा अब शेख हसीना किस देश में शरण लेतीं हैं ?

यूएस क्यों नहीं दे रहा शरण ?

बीते कुछ महीनों में अमेरिका लगातार बांग्लादेश में इस्लामिक चरमपंथ को कम करने में मदद करने का दावा करता रहा है जिसका कुछ असर हुआ भी है, वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, अमेरिका ने हसीना को एक तानाशाह मानते हुए उन पर वीजा प्रतिबंध लगा दिया है. राष्ट्रपति जो बाइडेन ने भी बांग्लादेश में हुए चुनाव को अयोग्य और स्वतंत्र बताया है. ऐसे में अमेरिका ने भी इस देश पर मानवाधिकारों की अनदेखी का आरोप भी लगाया है. वहीं हसीना ने भी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, वॉशिंगटन उनके देश में हस्तक्षेप कर रहा है. हसीना सहित कई बड़े बांग्लादेशी नेताओं का वीजा वॉशिंगटन ने कैंसल कर दिया, क्योंकि दोनों पक्षों के बीच तनाव था. ऐसे में साफ है कि यूएस तो शेख हसीना को शरण देने से रहा.

अब शरण के लिए हसीना के पास क्या है विकल्प ?

हालांकि, जिस तरह के हालात बने हुए हैं, ऐसे में हसीना कहां शरण लेंगी यह एक बड़ा सवाल है ? क्योंकि हसीना की शरण को लेकर संभावित देशों ने भी चुप्पी साध ली है तो, कुछ ने तो साफ इंकार ही कर दिया है. ऐसे में शेख हसीना कहां जा सकती है ? तो, उसके विकल्प में उन्हें फिनलैंड नजर आ रहा है. उसकी वजह है कि हसीना के कई सारे करीबी लोग वहां पर रहते हैं और इससे हसीना का संबंध भी सही रहे हैं. हालांकि, हसीना की राजनैतिक शरण को लेकर फिनलैंड ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.

रूस भी है दूसरा विकल्प ?

राजनैतिक शरण के लिए दूसरा विकल्प रूस हो सकता है, लेकिन यहां भी एक मसला फंसता नजर आ रहा है. बीते समय हजारों दिक्कतों का सामना करने के बाद रूस से हसीना के संबंध अच्छे हुए हैं. यहां तक बीते साल रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने कहा था कि ”रूस बांग्लादेश के रूपपुर परमाणु ऊर्जा संयंत्र (एनपीपी) के लिए न्यूक्लियर फ्यूल देगा. परमाणु पार्टनरशिप के अलावा बांग्लादेश ने BRICS समूह जॉइन करने की मंशा जताई, जो रूस, ब्राजील, चीन, भारत और दक्षिण अफ्रीका का ग्रुप है. हसीना की ब्रिक्स से जुड़ने की इच्छा वेस्टर्न ताकतों से दूर होने को भी बताती हैं.”

हालांकि, रूस की तरफ से इसको लेकर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है. रूस, हसीना या उनके परिवार ने ऐसा कोई बयान भी नहीं जारी नहीं किया है. रूस हसीना को पॉलिटिकल असाइलम देगा, तो वे यूएई और सऊदी अरब जैसे देशों से अपने रिश्ते कमजोर कर देंगे. रूस खुद यूक्रेन के साथ संघर्ष कर रहा है, इसलिए वह तानाशाह कहलाने वाले नेता को कितना समर्थन करेगा ?

क्या मुस्लिम देशों में ले सकती हैं शरण ?

फाइनेंशियल एक्सप्रेस ने बताया कि यूएई और सऊदी अरब भी संभावित विकल्प हैं. ऐसा भी हो सकता है क्योंकि दोनों देशों ने अब तक पूरे मामले पर तटस्थ रुख अपना रखा है. दोनों ने राजनैतिक शरण प्राप्त की है. साथ ही, ये मुस्लिम देश हैं, इसलिए हसीना को स्वागत किया जा सकता है . वैसे ये देश अभी चर्चा में हैं. आगे क्या होगा, कोई नहीं जानता. अमेरिका और ब्रिटेन ने हसीना को लगभग ना कर रखा है, इसलिए कई देश भी हाथ खींच सकते हैं. ऐसे में उनकी राजनैतिक सहायता जियोपॉलिटिक्स में महत्वपूर्ण परिवर्तन कर सकती है.

Also Read: हर घर तिरंगा अभियान के तहत वाराणसी के सभी घरों पर भाजपा कार्यकर्ता लहराएंगे राष्ट्रीय ध्वज

जाने क्या होता है राजनैतिक शरण ?

किसी भी देश के नागरिक को विदेश में रहने का अधिकार है. राजनैतिक या सामाजिक कारणों से कोई व्यक्ति यहां सुरक्षित नहीं महसूस करता तो दूसरे देश में शरण ले सकता है. इसका जिक्र यूनाइटेड नेशन्स के एक आर्टिकल 14 में मिलता है. इसमें कहा गया है कि, कोई व्यक्ति पॉलिटिकल असाइलम ले सकता है, लेकिन पॉलिटिकल असाइलम देने के लिए कोई किसी देश को फोर्स नहीं कर सकता है. यह देना पूरी तरह देश की इच्छा पर निर्भर करता है. इसके साथ ही शरणार्थी की सुरक्षा राजनैतिक शरण देने वाले देश की जिम्मेदारी होती है.

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More