छत्तीसगढ़ के महादेव एप से जुड़े हैं सट्टेबाज सौरभ के तार
वाराणसी के लोहता थाना क्षेत्र में तीन दिन पूर्व सुरक्षा गार्ड व ब्रेड के दुकानदार रणविजय सिंह उर्फ पिंटू की खुदकुशी के मामले में पकड़े गये सट्टा संचालक सौरभ शरण से पूछताछ के बाद पुलिस ने कई चौकानेवाले खुलासे किये हैं. पुलिस की जांच में पता चला कि सौरभ महादेव बेटिंग एप में एजेंट के तौर पर काम करता था और लोगों के पैसे लगवाता था. उसने रणविजय का भी काफी पैसा लगवा दिया था.
सट्टे में हार से रणविजय पर काफी कर्ज हो गया था जिससे वह तनाव में रहने लगा. इस दौरान रणविजय कर्ज में दिये गये अपने रूपये के लिए रणविजय पर दबाव बनाता रहा. सट्टा कारोबारी सौरभ के तार छत्तीसगढ़ से भी जुड़े थे. पुलिस ने उसके विभिन्न बैंक खातों के 78 लाख रुपये भी फ्रीज करवा दिये है. गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी महादेव एप के 500 करोड़ घोटाले मामले में फंस चुके हैं. इस मामले की जांच ईडी जांच कर रही है.
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दो दिसम्बर की रात रणविजय ने लगाई थी फांसी
बता दें कि मूलरूप से बिहार के औरंगाबाद जिले के बटोई गांव निवासी रणविजय सिंह चेतगंज थाना क्षेत्र के रामकटोरा स्थित एक वाटर पम्प कम्पनी का सुरक्षा गार्ड था. वह गोपालपुर कोरौता में मकान बनवाकर पत्नी शिल्पी सिंह और दो बेटों के साथ रहता था. उसने न्यू बहादुर मार्केट में गंगाराम सोनकर के कटरे में ब्रेड और बिस्किट की दुकान खोली थी. दो दिसम्बर की रात उसने दुकान में ही फांसी लगा ली थी. डीसीपी वरुणा जोन अमित कुमार ने बुधवार को इसका खुलासा किया था. सौरभ के खिलाफ मृतक रणविजय की पत्नी शिल्पी देवी ने आत्महत्या के लिए प्रेरित करने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी. क्योंकि वह जानती थी कि सौरभ पैसे की वसूली के लिए उसके पति को फोन पर परेशान करता था. उसी ने रणविजय को सट्टेबाजी के दलदल में फसाया था.
साड़ी कारोबारी समेत कईयों के नाम प्रकाश में आए
पुलिस के अनुसार सौरभ ने लोहता समेत आसपास क्षेत्रों में सौरभ ने कई लोगों को महादेव बेटिंग एप से जोड़ा है. इस मामले में साड़ी के गद्दीदार और रियल इस्टेट में निवेश करने वालों के अलावा कई व्यापारियों के नाम सामने आए हैं. पूछताछ में सौरभ ने बताया कि डाटा का लिंक बाहर से आता था. इसका उपयोग करने के बाद वह डिलीट कर देता था. सौरभ ने गिरफ्तारी से पूर्व कई एप और अन्य डाटा को डिलीट कर दिया था. साइबर एक्सपर्ट की टीम से डाटा को रिकवर कराया जा रहा है. एप से जुड़े लोगों की भी छानबीन की जा रही है और सट्टेबाज के छत्तीसगढ़ से कनेक्शन को भी खंगाला जा रहा है.
दिखावे के लिए करता था दोना-पत्तल सप्लाई का काम
मड़ौली निवासी आरोपी सौरभ का काम होटल और लॉन पर दोना पत्तल, गिलास की सप्लाई करने का है. मगर, बाद में वह शार्ट कट से पैसे कमाने के लिए ऑनलाइन सट्टेबाजी से जुड़ गया. अब लोगों को दिखावे के लिए वह दोना-पत्तल का काम करता था. ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए महादेव बेटिंग एप बनाया गया है. इस पर कार्ड गेम, चांस गेम लाइव खेले जाते हैं. इस एप के जरिये क्रिकेट, बैडमिंटन, फुटबाल आदि खेलों में सट्टेबाजी की जाती है. सट्टेबाजी के इस खेल से जुड़े लोगों को एप संचालन के लिए लॉगिन आईडी और पासवर्ड मुहैया कराया जाता है. इसमें छोटी से छोटी और बड़ी से बड़ी रकम लगाई जाती है। सूत्रों के अनुसार इस एप से जुड़े कुछ और नाम प्रकाश में आए हैं.