नोएडा के डीएम बीएन सिंह हटाए गए, सुहास बने नए डीएम
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी ने लखनऊ में प्रेस क्रॉफेंस करके पत्रकारों को बताया कि नोएडा के जिलाधिकारी बीएन सिंह का तबादला कर दिया गया है। मुख्य सचिव ने कहा कि डीएम ने छुट्टी की चिट्टी मीडिया में वायरल की, जिला में कोरोना नियंत्रण में डीएम बीएन सिंह फेल हो रहे थे। साथ ही कहा कि बीएन सिंह का ट्रांसफर कर राजस्व परिषद लखनऊ से सम्बद्ध कर उनके खिलाफ विभागीय जांच के आदेश दे दिए गए हैं। बीएन सिंह की जगह सुहास एलवाई नोएडा के नए डीएम होंगे। सुहास एल वाई 2007 बैच के आईएएस अधिकारी हैं।
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उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार सुबह गौतमबुद्ध नगर जिले का दौरा किया था। साथ ही कोरोना से निपटने के लिए जिला प्रशासन द्वारा किए गए इंतजामों की समीक्षा की और अधिकारियों का जमकर फटकार लगाई।
मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन के अफसरों की सोमवार दोपहर बाद गौतमबुद्ध यूनिवर्सिटी परिसर में जबरदस्त क्लास ली। मुख्यमंत्री की नाराजगी देखकर अफसर सन्न रह गए। आलम यह था कि जिस किसी अफसर ने सफाई देने की जुर्रत की उसे मुख्यमंत्री ने डांट कर चुप करा दिया। बकवास बंद करो। तुम सब मिलकर सिर्फ राजनीति और माहौल खराब करते हो।
पूरी समीक्षा बैठक के दौरान योगी इस बात से खासा नाराज थे कि जिला प्रशासन सरकार की नजर में अब तक सिर्फ धूल झोंकता आ रहा है। इसी के चलते जिले में कोरोना संदिग्ध और पॉजिटिव्स की संख्या कहीं ज्यादा ऊपर जा पहुंची है।
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मुख्यमंत्री ने दो टूक पूछा, “जब मैंने दो महीने पहले ही अलर्ट रहने को कहा था। जिले में मजबूत कंट्रोल रूम बनाने को कहा था, फिर वह क्यों नहीं बना? अगर बना तो फिर कोरोना संदिग्ध और पॉजिटिव्स की संख्या इतनी ज्यादा जिले में कैसे बढ़ी?”
मुख्यमंत्री के किसी भी सवाल का जबाब जिलाधिकारी बी.एन. सिंह, नोएडा, ग्रेटर नोएडा विकास प्राधिकरण, स्वास्थ्य विभाग और पुलिस अफसरों के पास नहीं था।
मुख्यमंत्री की समीक्षा बैठक में जिलाधिकारी से लेकर नोएडा प्राधिकरण की मुख्य कार्यपालक अधिकारी आईएएस रितु माहेश्वरी, जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी अनुराग भार्गव तक मौजूद थे। मुख्यमंत्री ने सबको आड़े हाथ लिया। समीक्षा बैठक में योगी ने अफसरों से सवाल किया, “जब सीजफायर कंपनी का मामला सामने आया तो उसके खिलाफ शुरू में ही कड़ी कार्यवाही क्यों नहीं की गई?”
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बैठक में जब एक-दो अफसरों ने सफाई देने की कोशिश की तो उन्हें मुख्यमंत्री ने यह कहकर चुप करा दिया, “बकवास बंद करो। आप लोग कोई काम नहीं करते हो। काम करने के बजाए एक दूसरे पर सिर्फ आरोप लगाते हो।”
मुख्यमंत्री ने अपनी इस समीक्षा बैठक में तमाम अफसरों को खुली लताड़ लगाकर सूबे के बाकी तमाम उन अफसरों को भी आगाह कर दिया है कि कोरोना से निपटने के नाम पर जिलों में उच्चाधिकारियों द्वारा किए जा रहे कामों के नाम पर अब वे हवाबाजी कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।
मुख्यमंत्री ने दो टूक सबके सामने कह दिया कि जिले में कोरोना वायरस ने, अफसरों की लापरवाही और उनकी आपसी खींचतान के चलते इतना भयानक रूप लिया है। ढाई घंटे तक गौतमबुद्ध नगर में रहने के दौरान कई बार मुख्यमंत्री मातहत जिला अफसरों को हड़काते रहे। बताते रहे कि कुछ भी हो कोरोना में वह कोई लापरवाही कतई बर्दाश्त नहीं करेंगे।
सूबे के सीएम ने सीजफायर कंपनी के मुद्दे पर अफसरों को कई बार और बार बार लताड़ा। सीएम का कहना था कि सीजफायर कंपनी और उसके प्रबंधन तंत्र सहित विदेशी ऑडिटर के खिलाफ अगर प्रशासन शुरू में ही कड़ाई से पेश आया होता, तो इस कंपनी प्रबंधन और जिला प्रशासन की लापरवाही के चलते जिले में कम से कम और 20 कोरोना संक्रमित बढ़ने से तो रोके जा सकते थे।
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सीएम ने कुछ स्थानों का दौरा करके इंतजामों का जायजा भी लिया। दौरे के दौरान उन्होंने साथ चल रहे अफसरों को डाटते हुए कहा, “लॉकडाउन पर प्रभावी अमल नहीं किया गया है। उसी का नतीजा सामने है।”
उल्लेखनीय है कि अब तक गौतमबुद्ध नगर जिले में कोरोना संक्रमितों की संख्या 34 पहुंच चुकी है। मुख्यमंत्री ने अफसरों से कहा, “आप लोग शोर ज्यादा मचा रहे हैं। राजनीति ज्यादा और काम कम कर रहे हैं। जोकि बर्दाश्त नहीं करूंगा।”
दौरे के दौरान नोएडा प्राधिकरण की ओर से मुख्यमंत्री को कोरोना पीड़ितों की मदद के लिए कर्मचारियों द्वारा इकट्ठी की गई 51 लाख रुपये की धनराशि भी सौंपी गई।
सीएम के बैठक के बाद डीएम नोएडा बीएन सिंह ने मुख्यसचिव को पत्र लिख कर तीन माह की छुट्टी की मांग कर दी। चिठ्ठी मीडिया में वायरल होने पर मुख्यसचिव ने लखनऊ में पीसी कर उनके तबादले और उनके खिलाफ विभागीय जांच की बात कही।
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