मोदी के 5 अप्रैल के ‘ब्लैकआउट’ के आह्वान को लेकर पावरग्रिड हाईअलर्ट पर

सतर्कता के उच्च स्तर का ध्यान रखने को कहा गया

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प्रधानमंत्री मोदी द्वारा इस रविवार की रात 9 बजे अपने घरों की बिजली बंद करने के आह्वान Blackout के मद्देनजर देशभर के लोड डिस्पैच सेंटरों को उच्चस्तरीय तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि अचानक बिजली खपत में गिरावट आने पर पावरग्रिड को किसी भी तरह के खतरे का सामना न करना पड़े। स्वतंत्र बिजली उत्पादकों, केंद्रीय और राज्य बिजली ट्रांसमिशन और डिस्ट्रीब्यूशन यूटीलिटीज को लिखे गए पत्रों में Blackout के समय से पहले और बाद में ग्रिड के सुचारु और सुरक्षित संचालन सुनिश्चित करने के लिए सतर्कता के उच्च स्तर का ध्यान रखने को कहा गया है। वहीं इन यूटीलिटीज को रिले, कैपेसिटर और रिएक्टरों को सेवा के लिए तैयार रखने के लिए कहा गया है, ताकि अगर Blackout में कोई घटना होती भी है तो उसे जल्द से जल्द संभाला जा सके।

यूपी स्टेट लोड डिस्पैच सेंटर ने ग्रिड का सुचारु संचालन सुनिश्चित करने के लिए आगे तैयारी करने के लिए डिस्ट्रीब्यूशन और ट्रांसमिशन यूटीलिटीज को पत्र लिखा है, जिसका अंश है, “..अनुमान लगाया गया है कि Blackout से उत्तर प्रदेश में बहुत कम समय में 3000 मेगावाट की लोड रिडक्शन की घटना हो सकती है। ऊपर बताए गए लोड में कमी आने से यूपी पावरग्रिड में हाई वोल्टेज की वृद्धि हो सकती है।”

मोदी की रविवार की रात 9 बजे से घरों की लाइट बंद रखने की अपील

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार की सुबह अपील की थी कि रविवार की रात 9 बजे से 9 मिनट तक अपने घरों की लाइट बंद Blackout रखें। इस दौरान दीया, मोमबत्ती या टॉर्च जलाएं।

इस आह्वान ने देशभर के बिजली क्षेत्र के प्रबंधकों का जमावड़ा लगा दिया, ताकि 5 अप्रैल को ब्लैकआउट की अवधि के दौरान देशभर में संभावित ग्रिड कोलैप्स और Blackout से बचाने के लिए रणनीति तैयार की जा सके। इसकी सूचना सबसे पहले आईएएनएस ने शुक्रवार को दी थी।

Blackout के दौरान आने वाली चुनौतियों के मद्देनजर तमिलनाडु ट्रांसमिशन कॉपोर्रेशन ने सभी इंजीनियरों को रविवार को रात 8 से रात 10.30 बजे के बीच कार्यालय में उपस्थित रहने के लिए कहा है, ताकि किसी भी आपात स्थिति को संभाला जा सके।

यूटिलिटी स्टाफ Blackout की अवधि में हाईअलर्ट पर

वहीं देश की सबसे बड़ी पॉवर ट्रांसमिशन यूटिलिटी पॉवरग्रिड कॉर्पोशन ने सभी क्षेत्रीय ट्रांसमिशन यूटिलिटी स्टाफ को Blackout की अवधि के दौरान हाईअलर्ट पर रहने और सभी स्टेशन प्रभारियों और वरिष्ठ स्तर के अधिकारियों को कार्यालय में उपस्थित रहने के लिए कहा है।

इसके अलावा गैस और हाइड्रो स्टेशनों को भी जेनरेशन का उत्पादन कम करने के लिए कहा गया है।

पॉवरग्रिड कॉर्पोरेशन के एक अधिकारी, जो ट्रांसमिशन नेटवर्क के राष्ट्रीय ग्रिड का संचालन करते हैं, उन्होंने कहा कि यह चिंताजनक नहीं है और ग्रिड ऑपरेटर बिजली की मांग में अचानक गिरावट को संभालने के लिए अच्छी तरह से तैयार हैं।

देश में पीक डिमांड पहले से करीब 20 फीसदी कम

अधिकारी ने कहा, “दरअसल कोविड-19 महामारी के कारण पैन इंडिया लॉकडाउन की जरूरत को देखते हुए देश में पीक डिमांड पहले से करीब 20 फीसदी कम है। इसलिए, राष्ट्रीय और क्षेत्रीय लोड डिस्पैच सेंटर में पहले से ही कम मांग है। ऐसे में 5 अप्रैल को बिजली में होने वाली गिरावट से समस्या नहीं होनी चाहिए, उसे आसानी से नियंत्रित किया जा सकता है।”

2 अप्रैल, 2020 को जारी बिजली मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, देश में अधिकतम बिजली की मांग 1,25,817 मेगावाट है, जो कि 2 अप्रैल, 2019 के 1,68,326 मेगावाट के मुकाबले लगभग 20 प्रतिशत कम है।

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