दारा सिंह की घर वापसी पर भाजपा देगी मऊ सीट का उपहार, सपा का बिगड़ा खेल

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चुनाव से पहले विधायकों का दल बदलना कोई नई बात नही है। राजनीति में अब यह आम बात सी हो गयी है। साल 2022 में भाजपा के गढ़ को छोड़कर समाजवादी पार्टी में शामिल होने वाले दारा सिंह चौहान ने घर वापसी कर ली है। महज 18 महीने के बाद दारा  सिंह  चौहान ने भाजपा की सदस्यता दोबारा ग्रहण कर ली है।

आज सोमवार को दारा सिंह चौहान ने उत्तर प्रदेश के भाजपा अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी से भाजपा कार्यालय में मुलाकात की। इसके बाद प्रदेश के दोनों डिप्टी सीएम की मौजूदगी में दारा सिंह ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। अब खबर है कि सुबह के भूले शाम को घर लौटे दारा सिंह को मऊ सीट से चुनाव लड़ाया जाएगा।

दारा सिंह ने ग्रहण की भाजपा की सदस्यता

दारा सिंह चौहान ने कुछ दिन पहले ही समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दिया है। इसके साथ ही दारा सिंह ने घोसी सीट से भी त्यागपत्र दे दिया है। साल 2022 में जनवरी में दारा सिंह ने भाजपा को छोड़कर सपा ज्वाइन की थी और सपा विधायक बन गए थे। तब समाजवादी पार्टी ने दारा सिहं को घोसी विधानसभा सीट से चुनाव लड़न के लिए टिकट दिया था। सपा विधायक के तौर पर दारा सिंह चौहान ने घोसी विधानसभा सीट पर जीत भी दर्ज की थी।

भाजपा की झोली में दारा सिंह डालेंगे 80 सीटें

वहीं अब फिर से भाजपा का दामन थामने के बाद दारा सिंह चौहान गदगद दिख रहे हैं। दारा सिंह ने कहा कि आज देश के प्रधानमंत्री के नेतृत्व में दुनिया के तमाम मुल्क मोदी जी के पीछे चलने के लिए परेशान हैं। जिस तरह मोदी जी अमित शाह जी काम कर रहे हूं 2024 में तीसरी बार मोदी जी प्रधानमंत्री बनेंगे। भाजपा के सिपाही के रूप में मेरी घर वापसी हुई है। 80 की 80 सीटें भाजपा की झोली में 2024 में जाएंगी। आज मोदी जी की इज़्ज़त धरती पर ही नहीं आसमान पर भी हो रहा है।

दारा सिंह के जाने से टूटा समीकरण

समाजवादी पार्टी ने पिछले दिनों पिछड़े और दलित समाज को एकजुट कर फ्रंट बनाने और भाजपा को प्रदेश में चुनौती देने की रणनीति तैयार की। इस राजनीतिक समीकरण में दारा सिंह चौहान की भूमिका को भी अहम माना जा रहा था। दो बार के राज्यसभा और एक बार के लोकसभा सांसद और यूपी सरकार के पूर्व मंत्री दारा सिंह चौहान का पार्टी छोड़ना उनके लिए पूर्वांचल के राजनीतिक समीकरण को तैयार करने में दिक्कत खड़ी करने वाला हो सकता है।

दारा सिंह ने बिगाड़ा खेल

उल्लेखनीय है कि लोकसभा चुनाव 2024 से पहले समाजवादी पार्टी को दारा सिंह चौहान के रूप में बड़ा झटका लगा है। दारा सिंह चौहान के सपा से भाजपा में वापसी करने से अखिलेश यादव का चुनावी समीकरण बिगड़ सकता है। अब सपा अध्यक्ष को फिर से चुनावी रणनीति तैयार करनी पड़ सकती है। दारा सिंह चौहान पूर्वांचल में ओबीसी राजनीति का एक अहम चेहरा माने जाते हैं। ऐसे में दारा सिंह का सपा के खाते से जाना भाजपा के लिए हुकुम का इक्का तो सपा के लिए खाली पत्ता साबित हो सकता है।

 

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