त्रिपुरा में लाल सलाम को जय श्री राम
पूर्वोत्तर के तीन राज्यों त्रिपुरा, मेघालय और नागालैंड से आ रहे रुझानों से चुनावी तस्वीर लगभग साफ होती नजर आ रही है। 3 घंटे की काउंटिंग के बाद जो रुझान सामने आ रहे हैं उसमें भारतीय जनता पार्टी त्रिपुरा में सरकार बनाती दिख रही है वहीं, नागालैंड में बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के तौर पर उभरती हुई दिख रही है जबकि मेघालय में कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी की तौर पर सामने आ रही है। त्रिपुरा में कांग्रेस का खाता भी नहीं खुल पाया है।
त्रिपुरा में हिंदुत्व की जीत- स्वामी
त्रिपुरा की अगर बात करें तो रुझानों में बीजेपी 40 से ज्यादा सीटों पर बढ़त बनाये हुए है। 60 सीटों वाली त्रिपुरा विधानसभा में सरकार बनाने के लिये 31 सीटों की आवश्यकता है। इस लिहाज से देखें तो भारतीय जनता पार्टी गठबंधन दो तिहाई बहुमत की तरफ बढ़ती हुई नजर आ रही है।
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2014 के लोक सभा चुनाव के बाद बीजेपी ने पूर्वोत्तर राज्यों पर खास ध्यान दिया और भाजपा को उसकी लुक ईस्ट पालिसी का फायदा मिलता दिख रहा है। भाजपा के नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने पूर्वोत्तर में भाजपा के प्रदर्शन पर कहा की ये भाजपा के हिदुत्व की जीत है। पीएम मोदी ने त्रिपुरा में चार चुनावी रैलियां की। इतना ही नहीं यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह समेत कई बड़े नेताओं ने रैलियां की थीं।
वहीं, बीजेपी के राम माधव ने कहा है कि इस राज्य को विकास, शांति और भ्रष्टाचार मुक्त सरकार देने का काम भाजपा करेगी।
बीजेपी की जमीनी स्तर पर मेहनत का असर
2013 के त्रिपुरा विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी को महज दो फीसदी वोट मिले थे। उसके बाद भाजपा ने जमीनी स्तर पर साफ मेहनत की और निकाय चुनाव में पार्टी ने 221 सीटों पर जीत हासिल की। वहीं पिछले विधानसभा चुनाव में लेफ्ट 51 फीसदी वोट मिले थे। कांग्रेस का अभी तक खाता भी नहीं खुला है जबकि पिछले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का 35 फीसदी वोटों बैंक पर कब्जा था।
त्रिपुरा के नतीजों पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा- भाजपा त्रिपुरा में एक ऐतिहासिक जीत के लिए तैयार है। मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अमित शाह जी और पार्टी के कार्यकर्ताओं को बधाई देना चाहता हूं। यहां तक कि नगालैंड और मेघालय में भी हमारा प्रदर्शन ऐतिहासिक है। यह भारतीय राजनीति के लिए महत्वपूर्ण दिन है।
पीएम मोदी ने संभाली थी कमान
बीजेपी की बात करे तो बीजेपी ने सबसे ज्यादा ध्यान ट्राइबल वोटरों पर दिया था। त्रिपुरा में लगभग 30 फीसदी ट्राइबल वोट है। ट्राइबल क्षेत्रों के 20 सीटे लेफ्ट का गढ़ मानी जाती रही है पर इस विधान सभा चुनाव में वहां भी भाजपा लेफ्ट को पटकनी देते हुए दिखाई दे रही है। भारतीय जनता पार्टी ने इस विधान सभा चुनाव में काफी मेहनत की। खुद प्रधानमंत्री ने चुनाव प्रचार की कमान संभाल रखी थी। चुनाव प्रचार के दौरान बिजेपी ने माणिक सरकार बनाम मोदी सरकार का दांव खेला था और बीजेपी उसमें सफल होती हुई दिख रही है।