“झूठ का पुलिंदा है ये घोषणापत्र“, बीजेपी ने कांग्रेस के मेनिफेस्टो को जनता में भ्रम पैदा करने वाला करार दिया
लोकसभा चुनाव को लेकर कांग्रेस ने शुक्रवार यानी कि 5 अप्रैल को अपना चुनावी घोषणापत्र जारी कर दिया. इस घोषणापत्र में किसानों की कर्जमाफी, जाति जनगणना कराने, आरक्षण की सीमा बढ़ा कर 50 प्रतिशत से अधिक करने, किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देने और नई शिक्षा नीति में संशोधन करने समेत कई वादे किए गए हैं. घोषणापत्र को कांग्रेस ने न्याय पत्र नाम दिया है.
अब बीजेपी ने कांग्रेस के इस मेनिफेस्टो पर निशाना साधा है और इसे झूठ का पुलिंदा करार दिया है. इसके साथ ही आरोप लगाया है कि देश में कई दशकों तक शासन करने वाली इस पार्टी ने विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए अपने घोषणापत्र में किए गए किसी भी वादे को पूरा नहीं किया.
“कांग्रेस का घोषणापत्र झूठ का पुलिंदा है”
भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए कहा कि मतदाताओं के बीच भ्रम पैदा करने के लिए कांग्रेस इस तरह का चुनावी घोषणापत्र लेकर आई है. उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस का घोषणापत्र झूठ का पुलिंदा है. इसे मतदाताओं के बीच भ्रम पैदा करने के लिए तैयार किया गया है. दशकों तक देश में शासन करने वाली कांग्रेस आज ‘न्याय’ की बात कर रही है लेकिन उसकी सरकारों ने सत्ता में रहते हुए न्याय नहीं किया.
“इन्होंने मान लिया है कि 55 साल अन्याय किया है”
उन्होंने कहा, ‘‘कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र का नाम रखा है न्याय पत्र. मतलब इन्होंने मान लिया है कि 55 साल अन्याय किया है. कोई नई नवेली पार्टी आम आदमी पार्टी (आप) जैसी होती और वह कहती तो समझा जा सकता था. जिस पार्टी ने भारत की युवा शक्ति, उसकी आर्थिक, औद्योगिक एवं सैन्य क्षमता के साथ ही सुरक्षा के साथ न्याय नहीं किया, वह देश के साथ न्याय का वादा कर रही है.
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कांग्रेस पार्टी ने अपने घोषणा पत्र को ’न्याय पत्र’ नाम दिया है. यह पांच न्याय और 25 गारंटी पर आधारित है. कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि इस घोषणापत्र में भविष्य के शानदार भारत की तस्वीर नजर आती है.