2019 के चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश में BJP की तैयारी शुरू
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शब्दों में कहें तो उत्तर प्रदेश ऐसा राज्य है, जिसने एनडीए को 2014 में 73 लोकसभा सीटें दिलाकर दिल्ली में बीजेपी को सत्ता दिलाई। राज्य में लोकसभा की कुल 80 सीटें हैं। 2019 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश अहम हो सकता है और इसको देखते हुए बीजेपी ने अपना परफॉर्मेंस दोहराने के लिए काम करना शुरू कर दिया है। पार्टी को पता है कि गुजरात में कड़े मुकाबले में मिली जीत के बाद उसका काम बढ़ गया है।
राज्य के नए पार्टी अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे को रिपोर्ट करेंगे
हमारे सहयोगी ईटी ने यूपी बीजेपी के सीनियर नेताओं और मंत्रियों से बात की, ताकि यह पता लगाया जा सके कि पार्टी 2019 के चुनावी संग्राम के लिए किस तरह तैयारी कर रही है। बीजेपी ने अटल बिहारी वाजपेयी के जन्मदिन पर 25 दिसंबर को राज्य के सभी 1, 200 ब्लॉक्स मे सुशासन दिवस मनाया। पार्टी ने 2019 के चुनावों को ध्यान में रखते हुए हाल में सभी ब्लॉक के लिए ‘इंचार्ज’ नियुक्त किए हैं। राज्य की सभी 80 लोकसभा सीटों पर एक पूर्णकालिक ‘विस्तारक’ नियुक्त किया गया है, जो पार्टी के जिला अध्यक्षों से अलग पूरी तरह से बूथ मैनेजमेंट पर फोकस करेंगे और महासचिव (संगठन) सुनील बंसल और राज्य के नए पार्टी अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे को रिपोर्ट करेंगे।
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ये दोनों लोग यूपी बीजेपी में टॉप पर हैं। यूपी के तकरीबन सभी 1.47 लाख बूथों पर अब बूथ कमिटी होगी, जिसमें तकरीबन 12 लाख वर्कर्स हैं। जाति और लिंग जैसे 27 कैटिगरी के आधार 14 करोड़ वोटरों का डेटाबेस तैयार और अपडेटेड है। यूपी में अब 2 करोड़ से भी ज्यादा लोग बीजेपी के मेंबर हैं। यह संख्या उसकी सभी अन्य राज्य इकाइयों से ज्यादा है। इसके बावजूद, 2019 के चुनाव में बेरोकटोक जीत के लिए कोई भी उपाय छोड़ा नहीं जा रहा है। यहां तक कि बीजेपी यूपी के आगामी सहकारी चुनावों को भी गंभीरता से ले रही है, ताकि 2019 तक उसकी चुनावी मशीनरी पूरी तरह से तैयार रहे। बंसल और पांडे ने इन चुनावों की तैयारी के लिए बुधवार को लंबी बैठक की। अमित शाह ने 2014 में यूपी बीजेपी के प्रभारी के तौर पर शानदार काम किया है और अब इसकी जिम्मेदारी बंसल और पांडे पर है यूपी बीजेपी के प्रवक्ता चंद्र मोहन ने ईटी को बताया, ‘हमारी अब यूपी और केंद्र दोनों जगहों पर सरकार है। लिहाजा, 2019 में जिम्मेदारी काफी ज्यादा है।
1.56 करोड़ बिजली के कनेक्शन मुहैया कराए जा सकें
हालांकि, हमारे पास बताने के लिए कई उपलब्धियां भी हैं। एक मामला राज्य सरकार द्वारा लोन माफी और किसानों के गन्ने की बकाया राशि के भुगतान का है। यूपी में कहीं भी किसानों का विरोध-प्रदर्शन या उनकी नाराजगी नहीं है। इसके अलावा प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की जबरदस्त लोकप्रियता भी है।’ बीजेपी की योजना 2019 में किसानों का कर्जमाफी को मुख्य चुनावी मुद्दा बनाने की है। यूपी के बिजली मंत्री श्रीकांत शर्मा ने बताया कि दो हफ्ते यूपी में लॉन्च हुई केंद्र सरकार की ‘सौभाग्य’ स्कीम को पूरी ताकत के साथ लागू किया जाएगा, ताकि अगले एक साल में 1.56 करोड़ बिजली के कनेक्शन मुहैया कराए जा सकें।
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उज्ज्वला स्कीम और स्वच्छ भारत के तहत बने शौचालयों के जरिये बीजेपी का मकसद 2019 में गरीबों के बीच अपने आधार को और मजबूत करना है। यूपी बीजेपी के प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने बताया कि उज्ज्वला, सौभाग्य और स्वच्छ भारत स्कीम के लाभार्थी मुख्य तौर पर ओबीसी और बाकी पिछड़े समुदाय से हैं, जो बीजेपी के लिए बड़ा वोट बैंक बन चुके हैं।
73 सीटों के आंकड़े को और बेहतर बनाना है
त्रिपाठी ने कहा, ‘हम 2019 के चुनाव से पहले लाभार्थी सम्मेलन कराकर उन्हे एक प्लेटफॉर्म पर ला सकते हैं, ताकि वे पार्टी से जुड़कर हमारे के लिए वोट करने के साथ-साथ दूसरों को भी बीजेपी को वोट देने के लिए प्रेरित कर सकें।’ पार्टी के एक सीनियर नेता का कहना था कि राम मंदिर और तीन तलाक जैसे मुद्दे भी 2019 में यूपी में बीजेपी के लिए मददगार हो सकते हैं। एक और नेता के मुताबिक, एनडीए का इरादा 2019 में 73 सीटों के आंकड़े को और बेहतर बनाना है।
(साभार-एनबीटी)
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