बीजेपी सांसद का आरोप, सरकार कर रही दलितों की अनदेखी
बीजेपी(BJP) के लिए अब उनके ही सांसद और विधायक बगावत पर उतर आए हैं। मंत्रियों और सांसदों के बगावती सुर भाजपा के लिए 2019 के चुनाव में मुश्किल पैदा कर सकते हैं। दरअसल, बीजेपी के एक और सांसद ने पीएम मोदी को पत्र लिखकर नाराजगी जताई है। उत्तर प्रदेश के नगीना से सांसद डॉ. यशवंत सिंह ने पीेम मोदी को पत्र लिखकर सरकार पर दलितों के अनदेखी का आरोप लगाया है। डॉ. यशवंत ने अपने पत्र में लिखा है कि पिछले चार सालों में केंद्र सरकार ने दलितों के लिए कुछ भी नहीं किया है।
सरकार दलितों की मांग को पूरा करे
बीजेपी के दलित सांसद अपने समाज की रोज-रोज की प्रताड़ना के शिकार हैं और जवाब देना मुश्किल हो रहा है। डॉ सिंह ने कहा कि सरकार विशेष भर्ती अभियान के जरिए बैकलॉग पूरा कराए, प्रमोशन में आरक्षण दिलाए और निजी क्षेत्र में आरक्षण हो। पत्र में एससी एसटी एक्ट पर सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले को पैरवी कर पलटवाने की अपील भी की गई है।
ये सांसद भी लिख चुके हैं पीएम मोदी को चिट्ठी
शुक्रवार को इटावा से दलित सांसद सांसद अशोक दोहरे ने भी अपनी ही पार्टी की राज्य सरकार से हुए नाराज होकर पीएम मोदी को चिट्ठी लिखी थी। शिकायत में अशोक दोहरे ने कहा है कि 2 अप्रैल को ‘भारत बंद’ के बाद एससी/एसटी वर्ग के लोगों को उत्तर प्रदेश सहित दूसरे राज्यों में सरकारें और स्थानीय पुलिस झूठे मुकदमे में फंसा रही है उन पर अत्याचार हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस निर्दोष लोगों को जातिसूचक शब्दों का इस्तेमाल करते हुए घरों से निकाल कर मारपीट कर रही है। इससे इन वर्गों में गुस्सा और असुरक्षा की भावना बढ़ती जा रही है।
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पार्टी पदाधिकारी कर रहे उत्पीड़न
वहीं 5 अप्रैल को यूपी के रॉबर्ट्सगंज से बीजेपी के दलित सांसद छोटेलाल ने पीएम नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखकर सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ, प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र नाथ पांडे और बीजेपी नेता सुनील बंसल की भी शिकायत की थी। चिट्ठी में सांसद छोटेलाल ने लिखा है कि जिले के आला अधिकारी उनका उत्पीड़न कर रहे हैं।
सीएम योगी नहीं सुन रहे उनकी बात
सांसद छोटेलाल ने चिट्ठी में कहा है कि शिकायत लेकर वो सीएम योगी से दो बार मिले लेकिन उन्होंने डांट कर भगा दिया। पीएम मोदी ने सांसद छोटेलाल को उचित कार्रवाई का भरोसा दिया है। ये पहला मौका नहीं है जब यूपी के किसी नेता ने सीएम योगी से नाराजगी जताई है। इससे पहले बीजेपी की दलित सांसद सावित्री बाई फुले ने भी सरकार से नाराजगी जताई थी। उससे पहले सहयोगी ओम प्रकाश राजभर भी सीएम योगी से ख़फ़ा थे।