विधायक कुलदीप को भैया बुलाती थी रेप पीड़िता, बताई आप बीती…

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उन्नाव गैंगगरेप केस में आरोपी बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को सीबीआई ने शुक्रवार तड़के हिरासत में ले लिया और पूछताछ की गई। इस मामले में हर रोज नए खुलासे हो रहे हैं। पता चला है कि किसी जमाने में आरोपी विधायक और पीड़ित महिला के परिवार में ‘मैत्रीपूर्ण रिश्ते’ थे। मखी गांव में दोनों परिवारों के घर आमने-सामने हैं।

मुझे एक कमरे में जाने के लिए कहा गया…

पीड़ित लड़की और उसके भाई-बहन विधायक को ‘भइया’ कहते थे। पिछले साल जून में विधायक ने उसे ‘नौकरी’ देने की बात कहकर घर बुलाया। इसके बाद वह एक रिश्तेदार के साथ आरोपी विधायक के घर गई और यह वारदात हो गई। पीड़ित ने एक समाचार पत्र को दिए इंटरव्यू में दोनों परिवारों के बीच के रिश्तों और उन घटनाओं का विस्तार से जिक्र किया है, जिसके बाद पिछले साल उसके साथ कथित तौर पर गैंगरेप हुआ।17 साल की पीड़िता ने कहा, ‘पिछले साल 4 जून की बात है। मुझे एक कमरे में जाने के लिए कहा गया, जहां उसने मेरे साथ रेप किया।

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बाद में मुझसे कहा गया कि अगर मैंने इस बारे में किसी को बताया तो मेरे पिता और परिवार को मार दिया जाएगा। मैंने इसके बारे में किसी को नहीं बताया। हालांकि, कुछ दिन बाद 11 जून को उसके कुछ लोगों ने मेरा अपहरण कर लिया। उन्होंने कुछ दिनों तक मेरा गैंगरेप किया और मुझे किसी को बेच दिया। वहां से मुझे छुड़ाया गया।’बता दें कि इस मामले को यूपी सरकार ने इस मामले को सीबीआई को सौंपा है। इसके बाद, गुरुवार को आरोपी विधायक के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। पुलिस ने पॉक्सो समेत कई धाराओं में विधायक के खिलाफ मामला दर्ज किया है। इससे पहले पीड़ित के पिता की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी। आरोपी विधायक के भाई पर पीड़ित के पिता को पीटने का आरोप है।पीड़िता ने कहा, ‘हम सब उनको भैया कहते थे। हमारे बड़े पापा उनके साथ थे।

गैंगरेप की वारदात के बाद जब वह घर लौटी तो…

कभी कभी वो (विधायक) घर आते थे और दादी से कहते थे कि अंडा फ्राई करके खिलाओ तो दादी उन्हें बनाकर खिलाती थी।’ पीड़ित ने बताया कि पिछले साल गैंगरेप की वारदात के बाद जब वह घर लौटी तो वह अपने रिश्तेदार के पास दिल्ली चली गई। पीड़ित ने बताया, ‘दिल्ली में पहली बार मैंने अपनी चाची को इस घटना के बारे में बताया, जिसके बाद उन्होंने चाचा को जानकारी दी।

’पीड़ित ने आगे बताया, ’17 अगस्त 2017 को मैं और चाचा लखनऊ गए और वहां सीएम योगी आदित्यनाथ के घर पर अपनी दरख्वास्त दी। उन्होंने हमारी दरख्वास्त किसी और व्यक्ति को सौंप दी और कुछ नहीं हुआ।’ पीड़ित ने आगे बताया कि जब सीएम से निजी तौर पर मिलने से भी कुछ नहीं हुआ तो उसने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, यूपी डीजीपी को चिट्ठी लिखकर मदद मांगी।पीड़ित के मुताबिक, इसके बाद भी कुछ नहीं हुआ। और तो और, पुलिसवालों ने नसीहत दी कि वह इस मामले में बीजेपी विधायक को न लाए। लेकिन पिछले हफ्ते जब पीड़ित ने अपने पिता के साथ मारपीट की घटना सुनी तो उसने अगली ट्रेन पकड़कर लखनऊ पहुंची ताकि सीएम आदित्यनाथ से मुलाकात कर सके।

जनसत्ता

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