जानें, अब क्या है महबूबा के पास सरकार बनाने का विकल्प ?
जम्मू और कश्मीर में पीडीपी के साथ चल रही गठबंधन सरकार से बीजेपी(BJP) ने समर्थन वापस लेने का ऐलान किया है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता राम माधव ने मंगलवार को कहा कि केंद्र सरकार की ओर से पूरी मदद दी गई पर राज्य सरकार हालात को सुधारने में नाकाम रही। कश्मीर घाटी में हालात तेजी से खराब होते चले गए, अब राष्ट्रीय सुरक्षा और एकता को ध्यान में रखते हुए गठबंधन सरकार से अलग होने का फैसला लिया गया। आइए समझते हैं कि महबूबा सरकार के लिए आगे क्या विकल्प बचते हैं।
राज्य में गवर्नर शासन चाहती है भाजपा
बीजेपी ने राज्य में गवर्नर शासन लगाने का अनुरोध किया है। ऐसे में जम्मू और कश्मीर में महबूबा सरकार को लेकर संकट खड़ा हो गया है। पिछले विधानसभा चुनाव नतीजों पर नजर डालें तो राज्य की कुल 87 सीटों में से पीडीपी को 28, बीजेपी को 25, नैशनल कॉन्फ्रेंस को 15 और कांग्रेस को 12 सीटें मिली थीं। इसके अलावा अन्य दलों को 7 सीटें मिली थीं।
पहला समीकरण
चुनाव में अभी करीब 3 साल का समय बाकी हैं। ऐसे में अगर गठबंधन सरकार बनाने की फिर से कोशिश की जाती है तो पीडीपी को कांग्रेस के अलावा अन्य की भी जरूरत होगी, जिससे बहुमत (44) के आंकड़े को हासिल किया जा सके। ऐसे में समीकरण 28+12+7=47 होगा। हालांकि कांग्रेस ने फौरन पीडीपी के साथ गठबंधन की संभावना से इनकार कर दिया।
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दूसरा समीकरण
अगर पीडीपी और कांग्रेस के बीच तालमेल नहीं बनता है तो महबूबा मुफ्ती के पास दूसरा विकल्प राज्य की प्रमुख विपक्षी पार्टी नैशनल कॉन्फ्रेंस से हाथ मिलाने का बचता है। ऐसे में 44 के आंकड़े के लिए समीकरण 28+15+7 होगा। खास बात यह है कि उपरोक्त दोनों ही स्थितियों में पीडीपी को अन्य के समर्थन की जरूरत होगी।
तीसरा समीकरण
अगर इन समीकरणों पर सहमति नहीं बनती है तो फिर गवर्नर शासन लागू होगा। इसे आगे भी बढ़ाया जा सकता है। इसके बाद चुनाव में जाने का ही विकल्प बचता है। राज्य के उपमुख्यमंत्री कविंदर गुप्ता ने भी ऐलान किया है कि हमने और हमारे मंत्रियों ने अपना इस्तीफा राज्यपाल को भेज दिया है। राज्य की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती को भी इसकी सूचना दे दी गई है।