कभी लगाती थीं ठेला, अब रोज कमाती हैं 2 लाख रुपये

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कहा जाता है कि इंसान अगर कुछ करने की ठान ले तो कुछ भी कर सकता है। उसके मेहनत और जब्जे के सामने सारी परेशानियां बौनी हो जाती हैं। ऐसी ही एक शख्सियत हैंचेन्नई की पैट्रिशिया नारायण। जिन्होंने अपनी मेहनत के बल पर वो मुकाम हासिल कर लिया है, जहां तक पहुंच पाना बहुत लोगों के लिए कठिन होता है। आज पैट्रिशिया चेन ऑफ रेस्त्रां ‘संदीपा’ की डायरेक्टर हैं। सिर्फ दो लोगों से अपना बिजनेस शुरू करने वाली पैट्रिशिया के साथ 200 कर्मचारी जुड़े हैं। आज वे हर दिन दो लाख रुपए कमाती हैं।

पैट्रिशिया ने कभी सोचा नहीं था कि बच्चों की परवरिश की खातिर उन्हें घर से बाहर निकलकर काम करना पड़ेगा। लेकिन ऐसा ही हुआ और उन्होंने कठिनाइयों के बावजूद कामयाबी की एक मिसाल कायम की। आज उनकी गिनती सफल बिजनेस वुमन में की जाती है। 2010 में उन्हें फिक्की आंत्रप्रेन्योर ऑफ द ईयर का अवॉर्ड मिला था।

फैमली की मर्जी के खिलाफ की शादी

पैट्रिशिया ने 17 साल की उम्र में फैमिली की मर्जी के खिलाफ जाकर खुद से 13 साल बड़े व्यक्ति से शादी की। लेकिन इस डिजीसन ने उनकी लाइफ बर्बाद कर दी। शादी के तीन महीने बाद ही हसबैंड ने अपना रंग दिखाना शुरू कर दिया। वह उनके साथ आए दिन मारपीट करने लगा। इसी बीच दो बच्चे भी हो गए। पति की प्रताड़ना से तंग आकर पैट्रिशिया ने उससे रिश्ता खत्म कर लिया। एक तो पिता ने रिश्ता तोड़ लिया और दूसरा पति भी शराबी निकला। अब पैट्रिशिया के सामने अपने बच्चों को पालने की समस्या आ गई।

मरीना बीच पर लगाया कॉफी का ठेला

अकेले बच्चों को पालना पैट्रिशिया के लिए मुश्किल था। दो वक्त की रोटी कमाना भी उनके लिए आसान नहीं था। लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और कुछ काम करने की सोची। उन्होंने मां से रुपए उधार लेकर काम शुरू करने का बारे में सोचा। इन्हीं रुपयों से पैट्रिशिया ने चेन्नई के मरीना बीच पर कॉफी का ठेला लगाया। दिनभर ठेला लगाने के बाद भी उन्होंने सिर्फ 50 पैसे ही कमाए। इससे उन्हें बेहद निराशा हुई। लेकिन बच्चों के लिए उन्हें काम तो करना ही था। इसलिए उन्होंने ठेला लगाना जारी रखा। हालांकि, बाद में उन्हें अच्छी कमाई होने लगी। चाय-कॉफी के साथ वे ठेले पर स्नैक्स भी रखने लगीं।

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कैंटीन चलाने का मिला कॉन्ट्रैक्ट

1982 से उन्होंने मरीना बीच पर ठेला लगाना शुरू किया था। वे दोपहर 3 से रात 11 बजे तक ठेला लगाती थीं। धीरे-धीरे उनकी कमाई भी अच्छी होने लगी। इसी बीच, उन्हें स्लम क्लियरेंस बोर्ड में कैंटीन चलाने का कॉन्ट्रैक्ट मिल गया। यही वो पल था जहां से पैट्रिशिया की किस्मत पलटी। वे सुबह जल्दी उठकर खाना रेडी करतीं और सुबह 5 बजे मरीना बीच पर ठेला लगातीं। फिर वे 9 बजे कैंटीन आ जातीं।

सप्ताह में कमाने लगी 80 हजार रुपये

3.30 बजे वे फिर बीच पर ठेला लगाने पहुंच जातीं। इसी तरह उन्हें कुछ स्कूल और ऑफिस में कैंटीन चलाने का काम मिलने लगा। इस तरह वे हफ्ते में 80 हजार रुपए कमाने लगीं और आगे चलकर ये राशि एक लाख तक पहुंच गई।

संगीता रेस्त्रां चेन के पार्टनरशिप का मिला ऑफर

1998 में पैट्रिशिया नारायण को संगीता रेस्त्रां चेन के साथ पार्टनरशिप का ऑफर मिला, जिसके बाद से उनकी पहचान एक आंत्रप्रेन्योर के रूप में होने लगी। कुछ साल तक पार्टनरशिप में काम करने के बाद उनकी लाइफ में एक ऐसी घटना घटी, जिसके बाद उन्होंने अपना खुद का रेस्त्रां खोलने का प्लान बनाया।

रोड एक्सीडेंट में हो गई बेटी और दामाद की मौत

जब अच्छी कमाई होने लगी थी तो उन्होंने अपनी बेटी की शादी कर दी थी। लेकिन शायद किस्मत को कुछ और ही मंजूर था। एक रोड एक्सीडेंट में उनकी बेटी और दामाद की मौत हो गई। इस घटना से वे पूरी तरह से टूट गई थीं। लेकिन बेटे ने समझाया और 2006 में बेटी की याद में संदीपा नाम से पहला रेस्त्रां खोला।

आज संदीपा के 14 आउटलेट हैं

‘संदीपा’ के शुरुआती दौर में केवल 2 कर्मचारी ही काम करते थे। लेकिन धीरे-धीरे रेस्त्रां आगे बढ़ने लगा और आज उसमें 200 से अधिक कर्मचारी काम करते हैं। आज संदीपा के 14 आउटलेट हैं और रोजाना उनकी कमाई तकरीबन 2 लाख रुपए से ज्यादा है।

क्वालिटी से न करें समझौता

आत्मविश्वास कभी न खोएं। खुद पर भरोसा रखें और जो करना चाहते हैं, वो करें। वे कहती हैं कि कभी क्वालिटी से समझौता नहीं करना चाहिए। आपकी इमेज क्वालिटी पर ही निर्भर करती है।

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