पंचतत्व में विलीन हुई बिहार की स्वर कोकिला, लगे अमर रहे के नारे…
बिहार की स्वर कोकिला के नाम से मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा आज पंचतत्व में विलीन हो गईं. शारदा को उनके बेटे अंशुमन ने मुखाग्नि दी . उनका अंतिम संस्कार पूरे राजकीय सम्मान के साथ किया गया है. उनकी अंत्येष्टि के कार्यक्रम में उनके परिवार, मित्र, कई राजनेताओं के अलावा उनके कई सारे फैन्स भी शामिल रहें. मां को अंतिम विदाई देते समय अंशुमन काफी भावुक नजर आएं, उनका रो – रोकर बुरा हाल हो रहा था. इस दौरान वहां मौजूद लोगों ने अंशुमन को संभालने का प्रयास किया, जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं.
बेटे ने दी मां को मुखाग्नि
गुरूवार यानी आज सुबह करीब 08.45 पर शारदा सिन्हा की अंतिम यात्रा निकाली गई. यह अंतिम यात्रा राजेन्द्र नगर स्थित उनके आवास से निकाली गई थी. इस दौरान उनके बेटे अंशुमन सिन्हा ने अपनी मां के पार्थिव शरीर की अर्थी को कंधा दिया. शारदा सिन्हा की इस अंतिम यात्रा में कई राजनेता, मित्र और प्रशंसक शामिल रहे. इस दौरान बीजेपी के पूर्व सांसद रामकृपाल यादव और विधायक संजीव चौरसिया भी साथ रहें और उन्हें अंतिम विदाई दी.
‘शारदा सिन्हा अमर रहें’ के नारे से गूंजा घाट
शारदा सिन्हा की अंतिम यात्रा पर लोगों ने “शारदा सिन्हा अमर रहें” और “जय छठी मईया” के नारे लगाए गए . शारदा सिन्हा जिन्होंने बिहार की लोकसंगीत परंपरा को नई पहचान दीं और छठ पूजा से जुड़े गीतों को घर-घर पहुंचाया था. अब वे सदा के लिए अपने प्रशंसकों के दिलों में बसी रहेंगी. शारदा सिन्हा के अंतिम संस्कार के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुए हैं. बिहार की स्वर कोकिला को अंतिम विदाई देने के लिए लोगों की भीड़ लगी हुई है. शारदा सिन्हा का पार्थिव शरीर पिछले दिन दिल्ली से पटना भेजा गया था. इस दौरान शारदा सिन्हा को चाहने वाले लोग भी उनके अंतिम दर्शन के लिए आए. शारदा सिन्हा की मौत से म्यूजिक इंडस्ट्री को भारी नुकसान हुआ है.
Also Read: बिहार की ”स्वर कोकिला” शारदा सिन्हा का निधन..
मंगलवार को एम्स में ली थी अंतिम सांस
बीते मंगलवार को देर शाम दिल्ली के एम्स अस्पताल में 72 वर्षीय शारदा सिन्हा ने आखिरी सांस ली और दुनिया को अलविदा कह दिया. बताया जा रहा है कि वे बीते कुछ समय से बीमार चल रही थीं और उनका उपचार एम्स में चल रहा था. लेकिन सोमवार की शाम उनकी तबीयत अचानक से बिगड़ी जिसके बाद उन्हें एम्स लाया गया, उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था. लेकिन उनकी हालत बिगड़ती ही जा रही थी. उन्हें विशेषज्ञ डॉक्टरों की देखरेख में आईसीयू में रखा गया था. उनके स्वस्थ होने के लिए उनकी ससुराल में हवन भी कराया जा रहा था, लेकिन कल रात दवा और दुआ दोनों ही बेअसर हो गई.