बिहारः पांच महीने बाद मैदान में डटे तेजस्वी यादव, शुरू की “आभार यात्रा” …
पटना: देश में लोकसभा चुनाव ख़त्म हुए 4 महीने बीत चुके हैं. इससे पहले बिहार में तेजस्वी यादव ने यात्रा का आयोजन किया था लेकिन बिहार विधानसभा में अभी करीब एक साल का समय बाकी है और तेजस्वी ने एक बार फिर से यात्रा का आगाज कर दिया है. कहा जाता है कि सियासत में चुनावी साल के दौरान राजनीतिक पार्टियां यात्राएं निकालती है जिससे जनता में परिवर्तन का माहौल बन सके. बता दें कि आज सोमवार से तेजस्वी ने एक बार फिर अपनी यात्रा शुरू कर दी है लेकिन इस बार इसका नाम और स्थान बदला हुआ है.
समस्तीपुर से शुरू की यात्रा…
बता दें कि इस बार RJD से सीएम पद के दावेदार तेजस्वी यादव ने बिहार के ‘भारत रत्न’ कर्पूरी ठाकुर की जन्मस्थली और कर्मभूमि समस्तीपुर से अपनी यात्रा की शुरुआत कर दी है. कहा जा रहा है कि इस दौरान तेजस्वी यादव जनता और कार्यकर्ताओं से मिलेंगे और संगठन को मजबूत बनाने के लिए चर्चा करेंगे.
8 दिन की करेंगे यात्रा…
गौरतलब है कि तेजस्वी कि यह “आभार यात्रा” आठ दिन चलेगी. यह यात्रा बिहार के चार जिलों से होकर गुजरेगी. यह यात्रा समस्तीपुर होते हुए दरभंगा, मधुबनी और उसके बाद मुजफ्फरपुर पहुंचेगी. इसके बाद आभार यात्रा का पहला पड़ाव ख़त्म हो जाएगा. यात्रा के दौरान तेजस्वी कार्यकर्ताओं से वन-टू-वन संवाद करेंगे.
विधानसभा चुनाव से पहले यात्रा पर तेजस्वी क्यों ?…
अब सवाल यह उठ रहा है कि अभी बिहार विधानसभा चुनाव के लिए एक साल का समय बाकी है तो उससे पहले तेजस्वी आभार यात्रा लेकर क्यों निकले. कहा जा रहा है कि इस यात्रा के पीछे तीन मुख्य कारण हैं-
1. प्रशांत किशोर फैक्टर
2. लोकसभा का परफॉरमेंस और
3. जाति सर्वे और आरक्षण
प्रशांत किशोर फैक्टर : गौरतलब है कि इस समय बिहार की सियासत में रणनीतिकार प्रशांत किशोर काफी चर्चा में हैं. पिछले दो साल से बिहार में घूम रहे प्रशांत किशोर आगामी दो अक्टूबर यानि गांधी जयंती के दिन अपनी पार्टी जनसुराज लांच करेंगे. इस दौरान प्रशांत किशोर तेजस्वी पर हमलावर हैं और उनके कोर वोट बैंक पर सेंध लगाने की कोशिश कर रहे हैं.
बता दें कि प्रशांत किशोर की पार्टी एलान के बाद से बिहार में राजद कार्यकर्ता लगातार जनसुराज में पलायन कर रहे हैं. इसके चलते पार्टी में मची भगदड़ को लेकर प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने पत्र भी जारी किया था. उन्होंने कार्यकर्ताओं से विचारधारा की राजनीति करने की अपील की थी. हालांकि, इसके बावजूद ग्राउंड स्तर पर आरजेडी के भीतर पलायन जारी है. कहा जा रहा है कि चुनाव के नजदीक आने पर इस पलायन में और तेजी आ सकती है. इसे ही रोकने के लिए तेजस्वी यात्रा पर निकले हैं. तय कार्यक्रम के मुताबिक तेजस्वी सभी जिलों में विधानसभा कार्यकर्ताओं से मिलेंगे.
लोकसभा का परफॉरमेंस: बता दें कि इस बार तेजस्वी यादव समस्तीपुर से यात्रा निकाल रहे हैं, जो दरभंगा, मधुबनी होते हुए मुजफ्फरपुर में ख़त्म होगी. इस इलाकों में लोकसभा की छह सीटें हैं. इसमें RJD एक भी नहीं जीत पाई है जबकि विधानसभा में इन जिलों में कुल 50 सीटें हैं जिसमें 2020 में हुए चुनाव में महज 10 पर ही वह जीत हासिल कर पाई थी. अब तेजस्वी का सपना है कि इन सीटों पर अपनी पकड़ मजबूत की जाए.
जाति सर्वे और आरक्षण: बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले जाति आधारित सर्वे और आरक्षण के मुद्दे की गूंज बिहार में थी. इसे तेजस्वी और नितीश ने मिलकर पूरा किया. वहीं लोकसभा चुनाव में नितीश ने पलटी मारते हुए राजग में शामिल हो गए जिसके चलते तेजस्वी यह मौका भुना नहीं पाए. दूसरी ओर अब पटना हाईकोर्ट से आरक्षण पर स्टे लग गया है और वर्तमान में यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में है. आरजेडी इस केस में पक्षकार भी है.