मुजफ्फरपुर के SKMCH के पीछे मिला मानव कंकाल, यहीं हुई थी 108 बच्चों की मौत
बिहार के मुजफ्फरपुर में सरकार द्वारा संचालित श्री कृष्णा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (SKMCH) के पास एक जंगल में कंकाल के अवशेष पाए गए हैं। यह वही अस्पताल है जहां एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) से अब तक करीब 108 बच्चों की मौत हो चुकी है।
शनिवार को पुलिसकर्मियों के साथ अस्पताल की एक जांच टीम ने घटनास्थल का दौरा किया। अस्पताल के डॉ. विपिन कुमार ने कहा, “कंकाल के अवशेष यहां मिले हैं। प्रिंसिपल विस्तृत जानकारी देंगे।”
एक या दो शव जले हुए पाए गए और कई कंकाल जमीन पर बिखरे पाए गए कई बोरियों में भरे हुए पाए गए है।
अस्पताल के कार्यवाहक जनक पासवान ने बताया, “पोस्टमार्टम के बाद सभी शवों को अस्पताल के पीछे जंगल में फेंक दिया गया है। मैंने कभी इन कंकालों के बारे में अधिकारियों से पूछने की कोशिश नहीं की।”
इन फेंके हुए कंकालों को न तो जलाया गया है और न ही दफनाया गया है।
अधीक्षक एसके शाही ने कहा, “पोस्टमार्टम विभाग शवों की देखभाल करता है। यह वास्तव में अमानवीय है यदि उन्होंने खुले में शवों को फेंक दिया है। हम उनके विभाग के प्रमुख से इस मामले के बारे में जांच करने के लिए कहेंगे।”
शाही ने बताया कि जब किसी अस्पताल को कोई शव मिलता है, तो उसे तुरंत नजदीकी पुलिस स्टेशन से संपर्क करना चाहिए और इस संबंध में रिपोर्ट दर्ज करनी चाहिए। रिपोर्ट दर्ज होने के बाद लाश को 72 घंटे तक पोस्टमार्टम रूम में रखा जाना चाहिए।
यदि कोई परिवार का सदस्य 72 घंटे के भीतर शव की पहचान के लिए नहीं आता है, तो पोस्टमार्टम विभाग का यह कर्तव्य है कि वह निर्धारित प्रक्रिया का पालन करते हुए शरीर को दफनाने या जलाए।
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