इस कारण बिहार इलेक्शन से दूरी हुई आम आदमी पार्टी
आम आदमी पार्टी ने बिहार विधानसभा चुनावों से दूरी बना ली है। शुक्रवार को इसकी घोषणा करते हुए AAP ने कहा कि वह बिहार विधानसभा चुनावों का बहिष्कार करेगी।
इसके पीछे की वजह सूबे में कोरोना महामारी और बाढ़ के दोहरे संकट द्वारा निर्वाचन के लिए हालात को काफी जोखिम भरा होना है।
बिहार में AAP प्रमुख सुशील कुमार सिंह ने दिल्ली के मुख्यमंत्री और पार्टी संस्थापक अरविंद केजरीवाल की मंजूरी लेने के बाद यह फैसला लिया।
बिहार की राजनीति में AAP-
वैसे बिहार की राजनीति में AAP का बड़ा नाम नहीं है। हालांकि पार्टी ने जनता को उस वक्त आकर्षित किया था जब उसके कार्यकर्ता ऑक्सीमीटर लेकर बाहर निकल गए थे।
कार्यकर्ता लोगों का परीक्षण और एहतियात बरतने के लिए सलाह दे रहे थे कि अगर उनकी ऑक्सीजन मात्रा 95% से कम हो तो पास के अस्पताल का रुख करें।
लड़ चुके है चुनाव पर नहीं मिली सफलता-
इससे पहले AAP ने करीब 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की योजना बनाई थी। इस संदर्भ में पार्टी कुछ छोटे दलों के साथ गठबंधन करने की योजना भी थी।
वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में आप ने किशनगंज, भागलपुर और सीतामढ़ी की तीन सीटों पर बिना किसी सफलता के चुनाव लड़ा था।
2014 के लोकसभा चुनाव में आप ने बिहार की 40 सीटों में से 39 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन कोई भी जीत नहीं मिली थी। बिहार में 2015 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने चुनाव तो नहीं लड़ा, लेकिन भाजपा विरोधी समूह का समर्थन किया।
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