संंसद की सुरक्षा में बडी चूक, दर्शक दीर्घा से कूदा युवक, दो हिरासत में
Parliament Attack: आज संसद भवन में हुए आतंकी हमले की 22 वीं बरसी है. आज वही तारीख है जब पाकिस्तान से आये पांच आतंकियों ने लोकतंत्र के सबसे बड़े मंदिर संसद भवन पर आतंकी हमले को अंजाम दिया था. इतने साल बाद भी संसद पर हुए आतंकी हमले की यादें अब भी ताजा हैं. वहीँ आज एक बार फिर संसद भवन की सुरक्षा में आज दो-दो चूक की खबरें सामने आईं हैं. पहले मामले में संसद के बाहर से दो लोगों को प्रदर्शन के दौरान पुलिस ने हिरासत में लिया और दूसरे मामला लोकसभा की कार्यवाही के दौरान का है जब एक युवक दीर्घ में उछाल -कूद करने लगा.
अधीर रंजन चौधरी ने का बयान
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने इस पर कहा, ‘दो युवक गैलरी से कूद गए और उनके द्वारा कुछ फेंका गया जिससे गैस निकल रही थी. उन्हें सांसदों ने पकड़ लिया और सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें बाहर निकाला.जिसके बाद सदन को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया. रंजन ने कहा कि यह निश्चित रूप से सुरक्षा का उल्लंघन है, जहाँ आज हम लोग 2001 संसद हमले में अपने प्राणों की आहुति देने वाले जवानों की पुण्य तिथि मनाई है वहीँ एक बार फिर इस तरह की घटना को अंजाम देने की कोशिश की गयी है.
डिंपल यादव का बयान…
सुरक्षा चूक को लेकर समाजवादी पार्टी के सांसद डिंपल यादव ने कहा कि यह एक बड़ी चूक है. ‘जो भी लोग यहां आते हैं, चाहे वे आगंतुक हों या पत्रकार, वे टैग नहीं रखते हैं. इसलिए, मुझे लगता है कि सरकार को इस पर ध्यान देना चाहिए. मुझे लगता है कि यह पूरी तरह से सुरक्षा चूक है. लोकसभा के अंदर कुछ भी हो सकता था.’
संसद भवन के बाहर 2 लोगों ने प्रदर्शन के संसद के सामने नारे लगाते हुए पुलिस ने हिरासत में लिया, इनमें एक महिला भी शामिल.
#LokSabha #sansadbhawan #parliamanetattack pic.twitter.com/wPUQGJ0lCh— Journalist Cafe (@journalist_cafe) December 13, 2023
टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय –
टीएमसी सांसद सुदीप बंदोपाध्याय ने कहा, ‘यह एक भयानक अनुभव था. कोई भी अनुमान नहीं लगा सका कि उनका लक्ष्य क्या था और वे ऐसा क्यों कर रहे थे. हम सभी तुरंत सदन से बाहर चले गए, लेकिन यह एक सुरक्षा चूक थी. वे धुआं छोड़ने वाले उपकरणों के साथ कैसे प्रवेश कर सकते थे?
2001 की घटना दोहराने की कोशिश-
आपको बता दें कि आज जिस तरह से संसद की सुरक्षा में चूक हुई है इससे कई सवाल खड़े होते है. बता दें कि 2001 में जब हमला हुआ था तब भी संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा था और भी सत्र चल रहा था. संसद में ज्यादातर सांसद मौजूद थे तभी करीब 01 बजकर 24 मिनट पर एक युवक संसद दीर्घा में घुस कर उछाल- कूद करने लगा जिसके हाथ में कोई सामान था जिससे गैस निकल रही थी.