RBI का बड़ा फैसला, 1 से 5 लाख की टैक्स पेमेंट लिमिट…
भारतीय रिजर्व बैंक की मॉनेटरी पॉलिसी की बैठक (RBI MPC Meeting Results) ने रेपो रेट को लगातार नवीं बार स्थिर रखने का निर्णय लिया है. नतीजों का ऐलान कर दिया गया है. इसको लेकर केंद्रीय बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने यूपीआई को लेकर राहत भरे बदलाव की घोषणा की है. इसके साथ ही अब यूपीआई के जरिए अब 5 लाख रुपये तक का टैक्स भुगतान किया जा सकता है. दूसरी ओर रेपो रेट में बदलाव की उम्मीद लगाए लोगों को एक बार फिर निराशा हाथ लगी है और इसमें कोई बदलाव नहीं किया गया है.
1 से 5 लाख हुई टैक्स पेमेंट लिमिट
भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि,” यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस या यूपीआई के जरिए अब एक बार में 5 लाख रुपये तक का टैक्स पेमेंट किया जा सकेगा, जबकि अब तक यह लिमिट महज एक लाख रुपये तक सीमित थी. रेपो रेट, महंगाई और जीडीपी के बारे में एमपीसी मीटिंग में हुई चर्चा के बारे में विस्तार से बताते हुए गवर्नर शक्तिकांत दास ने इस प्रस्ताव के बारे में जानकारी शेयर साझा की है. यूपीआई के जरिए टैक्स पेमेंट लिमिट बढ़ाने से डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा मिलेगा.”
गौरतलब है कि यूपीआई भुगतान पर मौजूदा सीमा निम्नलिखित हैं: सामान्य भुगतान के लिए 1 लाख रुपये प्रति ट्रांजेक्शन, कैपिटल मार्केट्स, इंश्योरेंस और आईपीओ (IPO) में अप्लाई के लिए 2 लाख रुपये प्रति ट्रांजेक्शन है.
यूपीआई हो सकता है बड़ा बदलाव
आरबीआई ने यूपीआई के टैक्स पेमेंट लिमिट में बदलाव किया है. ऐसे में उम्मीद है कि यूपीआई में बडे बदलाव देखने को मिल सकते हैं. इस मुद्दे पर आरबीआई गर्वनर शक्तिकांत दास ने कहा है कि, यूपीआई में डेलीगेटेड भुगतान की शुरूआत होने वाली है, इस बात का दावा किया गया है. गर्वनर की इस बात से साफ है कि यूपीआई यूजर्स अपने अकाउंट से पेमेंट करने का अधिकार किसी भी अन्य व्यक्ति को दे सकता है.
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चेक क्लियरेंस के समय बदलाव का रखा गया प्रस्ताव
एमपीसी बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए, गवर्नर शक्तिकांत दास ने यूपीआई से टैक्स पेमेंट लिमिट में बदलाव सहित अन्य महत्वपूर्ण निर्णयों की जानकारी दी है. इसमें उन्हें बताया गया कि, बैठक में चेक क्लीयरेंस में लगने वाले समय पर भी गहन चर्चा हुई और अब इसे कुछ घंटों में पूरा करने का प्रस्ताव रखा गया है.