वाराणसी में काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के लाल बहादुर शास्त्री छात्रावास में हो रही अनियमितता के खिलाफ छात्रों ने धरना-प्रदर्शन किया. विरोध प्रदर्शन कर रहे छात्रों का कहना है कि छात्रावास में पहले मेस में प्रतिदिन 50 रुपए पर डाइट देना होता था. लेकिन बीएचयू प्रशासन द्वारा छात्रावास में अब मेस के लिए 3000 रुपए पहले जमा कराया जा रहा है. यदि कोई छात्र नही जमा करता है तो उसका कमरा बंद कर दिया जाता हैं. छात्रों को जबरन मेस में खाने के लिए दबाव दिया जा रहा है. यह तो अत्याचार और मनमानी है. बीएचयू प्रशासन विभिन्न मोर्चां पर विफल है और वह अपनी व्यवस्था जबरन छात्रों पर थोपना चाहता है. जब तक प्रशासन हमारी मांगें नही मानता तो विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा.
महामना का आंगन है, तानशाही बर्दाश्त नही
लाल बहादुर शास्त्री छात्रावास के रहनेवाले छात्र शिवांश सिंह ने कहा मेस जैसे पहले सुचारू रूप से चलता था वैसे ही चलाया जाए. यदि हमारी मांगें पूरी नहीं की जाती है तो छात्र एक बड़े आदोलन के लिए बाध्य हो जायेंगे. यह महामना का आंगन है अधिकारियों की निजी जायदात नही. जब मन किया नया फरमान जारी कर दिया. हमलोग भी महामना के बच्चे हैं, तानाशाही वाले फरमान मानने को बाध्य नही हैं. बाद में बीएचयू प्रशासन के अफसरों ने छात्रों से वार्ता की. बातचीत के दौरान मौके पर मौजूद चीफ प्रॉक्टर, कला संकाय के डीन, डीएसडब्ल्यू ने आश्वासन दिया है कि कल सभी मुद्दों को लेकर एक बैठक की जाएगी. छात्रों की प्रतिनिधिमंडल में शिवांश , आदित्य , आनंद , मनीष , पीयूष आदि थे.