बीएचयू बवाल : बार-बार प्रशासन क्यों हो जाता है फेल ?

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काशी हिंदू विश्वविद्यालय में बीते बुधवार को छात्रों द्वारा किए गए बवाल के बाद से परिसर में स्थिति तनावपूर्ण है। पुलिस ने बवाल करने वाले छात्रों के खिलाफ विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा दी गई तहरीर के आधार पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। पुलिस घटना से संबंझधित सभी साक्ष्यों को जुटाने की कोशिश कर रही है और उसी के आधार पर उपद्रवीं छात्रों पर कार्रवाई करेगी।

खुद का सुरक्षा तंत्र होने के बाद भी हर बार फेल क्यों ?

अब सवाल ये उठता है कि विश्वविद्यालय प्रशासन के पास खुद का सुरक्षा तंत्र होने के बाद भी हर बार फेल क्यों हो जाता है और छात्र अपने मसूबों में कामयाब हो जाते हैं। बता दें कि बीएचयू का सुरक्षा का सालाना बजट 14 करोड़ रुपये है। 707 गार्ड, 32 सुरक्षा अधिकारी हैं, 60 आर्म गार्ड हैं। बावजूद इसके विश्वविद्यालय की सुरक्षा के लिए हर बार जिला पुलिस को ही हस्तक्षेप करना होता है।

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इन छात्रों के खिलाफ होगी कार्रवाई

चीफ प्रॉक्टर प्रो. सिंह की तहरीर पर एमसीए के गौरव सिंह, एमए के आशुतोष त्रिपाठी, शिवम द्विवेदी, प्रवीण राय योगी, बीए के शुभम तेवतिया, बिट्टू सिंह, गौरव कुमार, अभिजीत मिश्र, रुद्र प्रताप सिंह, हिमांशु प्रभाकर, पूर्व छात्र सौरभ राय, प्रतीक तिवारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया गया गया है। उन्होंने 15 नामजद समेत दर्जनों अज्ञात के खिलाफ बीएचयू में तोड़फोड़, सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान समेत कई अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया है। एसओ लंका संजीव मिश्र ने बताया कि परिसर में लगे कैमरों से उपद्रवियों की शिनाख़्त की जा रही है और एहतियात के तौर पर मुख्य द्वार पर पीएससी और पुलिस फोर्स तैनात की गई है।

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