बीएचयू: प्रोफेसर ओम शंकर ने 20वें दिन तोड़ा अनशन, अब लड़ेंगे कानूनी लड़ाई

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बीएचयू में 11 मई से आमरण अनशन पर बैठे प्रोफेसर ओम शंकर ने 20वें दिन बिना मांगों के पूरा हुए अपना अनशन तोड़ दिया है. धर्मगुरुओं की अपील पर उन्होंने यह फैसला लिया है. वहीं उन्होंने कहा कि वह अब कानूनी लड़ाई लड़ने की तैयारी है. इस दौरान कई धर्मगुरू और राजनीतिक दलों के लोग मौजूद रहे.

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प्रशासन से लेकर राजनीतिक नेताओं ने भी लगाई थी गुहार

हृदय रोग विभाग में 11 मई से अनशन पर बैठे प्रोफेसर ओमशंकर को अपने अनशन को खत्म करने को लेकर कई लोगों ने गुहार लगाई थी. आईएमएस-बीएचयू प्रशासन ने अनशन तोड़ने का अनुरोध किया था लेकिन वह मांगों के पूर्ण होने तक अनशन जारी रखने की बात पर अड़े रहे. वहीं सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने भी उनसे अनशन खत्म करने की अपील की थी. वहीं धर्मगुरुओं के अनुरोध के बाद प्रोफेसर ने अनशन खत्म करने का फैसला लिया है.

गांधी के प्रपौत्र समेत समाजसेवियों की मौजूदगी में खत्म किया अनशन

बता दें कि कांग्रेस, समाजवादी पार्टी सहित अन्य दलों के राजनेताओं, सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं और धर्मगुरुओं ने मुलाकात कर उनका समर्थन किया था. गुरुवार को महात्मा गांधी के प्रपौत्र तुषार गांधी के साथ ही मौलाना अब्दुल बातिन नोमानी सहित अन्य धर्मों के धर्म गुरुओं की अपील पर उन्होंने अपना अनशन खत्म कर दिया.

क्या थी मांग

प्रोफेसर ओमशंकर 11 मई को अनशन पर बैठे थे. पहले वह कुलपति आवास के बाहर धरना दे रहे थे लेकिन प्रशासन के समझाने के बाद उन्होंने अपने चैम्बर में ही आमरण अनशन पर बैठने का फैसला लिया था. उनकी मांग थी कि हृदय रोग विभाग के लिये जरूरी बेड की सुविधा मुहैया कराया जाए. वहीं एमएस को उसके पदभार से हटाए जाने की मांग की. प्रोफेसर के अनुसार 8 मार्च को आईएमएस बीएचयू के निदेशक प्रोफेसर एसएन शंखवार ने खुद सुपरस्पेशलिटी ब्लॉक का पूरा चौथा तल और पांचवें तल पर आधा जगह आवंटित करने का लिखित आदेश दिया है. हालांकि इस बात का पालन न करने की बात बताई.

छात्रों समेत विभिन्न संघठनों ने भी किया था समर्थन

प्रोफेसर ओमशंकर के अनशन के समर्थन में राजाराम छात्रावास के छात्रों समेत बीएचयू के तमाम छात्रों ने समर्थन दिया था. वहीं सपा कार्यकर्ताओं ने उनके समर्थन में गंगा में थाली और घंटी बजाकर प्रशासन का विरोध किया था.

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