बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के विधि संकाय के शताब्दी वर्ष समारोह के पहले भाग के रूप में विधि संकाय ने प्रतिष्ठित भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) और सिरिल अमरचंद मंगलदास के सहयोग से 11 वीं महामना मालवीय राष्ट्रीय मूट कोर्ट प्रतियोगिता का आयोजन किया. आठ से दस मार्च तक आयोजित इस प्रतियोगिता प्रतियोगिता की थीम ’प्रतिस्पर्धा कानून और पेटेंट कानून की परस्पर क्रिया’ थी. इसमें देश के 52 विश्वविद्यालयों ने हिस्सा लिया. यह प्रतियोगिता बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के विधि संकाय में आयोजित किया गया था.
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प्रतियोगिता में कड़े मूल्यांकन के बाद 52 टीमों में से 24 टीमों का चयन किया गया. आठ मार्च को उद्घाटन समारोह में प्रयागराज उच्च न्यायालय के न्यायाधीश दिनेश पाठक, बीएचयू के रजिस्ट्रार व प्रोफेसर अरुण कुमार सिंह, विधि संकाय के डीन प्रोफेसर सीपी उपाध्याय और प्रो. डीके मिश्रा की मौजूदगी रही. क्वालीफाइंग टीमों ने मौखिक राउंड में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया.
सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश डॉ. बलबीर सिंह चौहान रहे मुख्य अतिथि
दो दिनों की प्रतियोगिता के बाद हिदायतुल्ला नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी रायपुर और डॉ. राम मनोहर लोहिया नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी लखनऊ ने फाइनल में जगह बनाई. फाइनल राउंड के निर्णायक मंडली में न्यायमूर्ति डॉ. बलबीर सिंह चौहान (पूर्व न्यायाधीश सर्वोच्च न्यायालय), भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग के सलाहकार (कानून) संजय कुमार पांडेय, विजय प्रताप सिंह चौहान, (सिरिल अमरचंद मंगलदास) रहे. रविवार को समापन समारोह में स्वागत भाषण बीएचयू विधि संकाय के डीन प्रोफेसर चंद्र पाल उपाध्याय ने दिया. उन्होंने प्रतिभागियों को उनकी कड़ी मेहनत के लिए शुभकामनाएं दीं. उन्हें मुख्य अतिथि न्यायमूर्ति डॉ. बलबीर सिंह चौहान द्वारा सम्मानित किया गया. न्यायमूर्ति ने भविष्य के लिए सुसज्जित कानूनी पेशेवरों के विकास में शिक्षकों के महत्व पर प्रकाश डाला. प्रतियोगिता का संचालन एवं आयोजन सचिव डॉ. प्रभात कुमार साहा के किया.