BHU : पेपर में पूछी गई तीन तलाक एवं हलाला पर व्याख्या

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उत्तर प्रदेश के वाराणसी में बीएचयू (BHU) एक बार फिर से विवाद उठा है। यूनिवर्सिटी परीक्षा में प्रश्नपत्र में पूछे गए सवाल कौटिल्य अर्थशास्त्र में जीएसटी का विवाद थमा नहीं कि अब विवाद इतिहास के प्रश्नपत्र पर आया है। पिछले हफ्ते यूनिवर्सिटी ने छात्रों से तीन तलाक और हलाला इस्लाम का दुश्मन पर सवाल किया गया।

पेपर में पुछा गया हलाला के बारे में 

सवाल पूछा गया गया इस्लाम में तीन तलाक एवं हलाला एक सामाजिक बुराई है। इसकी व्याख्या कीजिए। यह सवाल मध्यभारत में समाज, संस्कृति और धर्म पेपर के खंड ब में पूछा गया। यह सवाल 10 नंबर का था। तीसरे सेमेस्टर की परीक्षा में पूछे गए इस सवाल का जवाब 250 शब्दों में मांगा गया।

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पद्मावती पर मांगे गये विचार 

पिछले कई हफ्तों से फिल्म निदेशक संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती पर विवाद चल रहा है। इसी सेक्शन बी में रानी पदमावती पर भी विचार मांगे गए। 10 नंबर के इस सवाल में छात्रों से पूछा गया कि ‘आप जौहर परंपरा से क्या समझते हैं? अलाउद्दीन खिलजी की अवधि में रानी पद्मावती के जौहर का वर्णन करें।’

इसके वैकल्पिक सवाल में सुल्तान युग में मुस्लिम महिलाओं की स्थिति का वर्णन करने को कहा गया। इतिहास के पेपर में इस तरह के सवालों पर छात्र बिफर गए। छात्रों का कहना था कि जो सवाल पूछे गए हैं वे सारे कोर्स के बाहर के हैं। छात्रों का कहना है कि इस तरह के सवालों से छात्रों में फूट पड़ेगी। एक छात्र ने कहा कि जो सवाल पूछा गया वह अपमान जनक है।

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इन 10 नंबर के सवालों के अतिरिक्त 2 नंबर के सवालों और 15 नंबर के सवालों में भी विवादित सवाल पूछे गए। 15 नंबर के एक सवाल में छात्रों से पूछा गया कि मध्य भारत में हिंदू और मुस्लिम की एकता में संतों की भूमिका की जांच और 2 नंबर के सवाल पर पूछा गया कि ताज महल कहां है।

हेड ने दी सफाई 

बीएचयू के इतिहास विभाग के हेड डॉ. अजय प्रताप सिंह ने इस पर जवाब दिया कि वह कैंब्रिज से पीएचडी हैं। उन्हें नहीं लगता कि उन्होंने जो पेपर बनाया है उसकी गुणवत्ता पर उन्हें किसी को जवाब देना चाहिए।

इतिहास विभाग में छात्रों से चैतन्य महापुरुष की शिक्षा और भक्ति आंदोलन का विवरण करने का भी सवाल पूछा गया। इतिहास विभाग के प्रफेसर राजीव श्रीवास्तव ने कहा कि इतिहास का यह पेपर में 1206 से लेकर 1707 के बीच का इतिहास पूछा जाना था। जो सवाल प्रश्नपत्र में पूछे गए वह तर्कसंगत हैं। उन्होंने कहा कि मध्य भारत की अवधि बहुत बड़ी है अगर पद्मावती और तीन तलाक मुद्दे हैं तो इस तरह के सवाल पूछने पर कोई समस्या नहीं है।

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उन्होंने कहा कि वह भंसाली के खिलाफ है क्योंकि उन्होंने रानी पद्मावती का जो चित्रण किया है वह गलत है। वह इस तरह की फिल्म रानी पद्मावती और खिलजी दोनों के इतिहास के साथ खिलवाड़ है। इस तरह की फिल्म केएस लाल या मोहम्मद हबीब की किताबें पढ़े बगैर या इतिहास पर शोध किए बिना कतई नहीं बनाई जानी चाहिए थी।

(साभार – नवभारत टाइम्स)

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