नगर पंचायत कार्यालय पर चढ़ा भगवा रंग, फहरा दिया बीजेपी का झंडा
यूपी निकाय चुनावों में बीजेपी की बम्पर जीत के दावों के बीच अब यूपी के मुख्तलिफ हिस्सों में नगर पंचायत और नगर पालिका कार्यालयों को ही भगवा रंग में रंगा जाने लगा है। इसी क्रम में लखीमपुर खीरी जिले में खीरी नगर पंचायत को न केवल भगवा रंग में रंगा गया बल्कि यहां बीजेपी का झंडा भी दफ्तर पर फहरा दिया गया। इस कदम पर विपक्ष अब सवाल उठा रहा है।
कार्यालय पर बीजेपी का झंडा भी फहरा दिया
कुछ दिन पहले पीलीभीत जिले से खबर आई थी कि बेसिक शिक्षा अधिकारी ने सरकार को खुश करने के लिए 100 से ज्यादा प्राइमरी स्कूलों को भगवा रंग में रंगवा दिया। इसके बाद मंगलवार को खीरी समेत कई जिलों में नगर पंचायत कार्यालयों को भगवा रंग में रंगाए जाने की खबरें आईं। लखीमपुर में खीरी नगर पंचायत को शपथ ग्रहण से पहले भगवामय बना दिया गया। यहां बीजेपी से सुधा निषाद अध्यक्ष बनी हैं। अध्यक्षी की खुशी इतनी थी कि कार्यकर्ताओ ने कार्यालय को ही भगवा रंग में रंग दिया। यही नहीं सरकारी कार्यालय पर बीजेपी का झंडा भी फहरा दिया।
झंडा फहराने के सवाल पर वह कोई जवाब नहीं दे सके
कुछ युवकों ने जब सरकारी इमारत पर बीजेपी का झंडा देखा तो फोटो वायरल कर दी.इस पर बीजेपी के खीरी सीट के प्रभारी अनुराग मिश्रा कहते हैं कि भगवा रंग तो उगते हुए सूरज का भी होता है। भारतीय संस्कृति में रचा बसा है कार्यालय अगर भगवा हो गया तो आपत्ति कैसी।
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वहीं कार्यालय पर बीजेपी का झंडा फहराने की जानकारी न होने की बात कहते हुए अनुराग आगे कहते हैं कि हम बम्पर जीतकर आए हैं जश्न तो मनेगा ही। खीरी नगर पंचायत के अधिशासी अधिकारी दिनेश मिश्रा कहते हैं बस यूं ही करा दिया रंग। झंडा फहराने के सवाल पर वह कोई जवाब नहीं दे सके।
हम आम अवाम तो रंगों में ही बंट कर रह गए
मामले में समाजवादी पार्टी के एमएलसी शशांक यादव इस भगवाकरण पर चुटकी लेते हुए कहते हैं कि बीजेपी रंग बदलने में पहले से माहिर है। सरकारी कार्यालयों को भगवा रंग में रंगवाकर निकाय चुनाव में अपनी हार की खीझ मिटाने को जो रंग में रंग जाए कम है। शशांक कहते हैं कि लोकसभा में 47 फीसदी, विधानसभा में 39 फीसदी पाने वाली बीजेपी निकाय चुनाव में 27 फीसदी वोट पर आ गई। खीरी नगर पंचायत का भगवा रंग वहां रहने वाले इश्तियाक मियां को भी अटपटा लग रहा है। कहते हैं कि भइया सब राजकाज है. जिसकी सरकार उसका रंग। हम आम अवाम तो रंगों में ही बंट कर रह गए। मजा तो सियासी लोगों का ही है।
(साभार-न्यूज 18)