प्राइमरी से बाहर हुए बीएड डिग्रीधारक, तो ट्वीटर ट्रेंड हुआ #NCTE
Primary Teacher Eligibility : बीएसटीसी बनाम बीएड मामले में सुप्रीम कोर्ट ने राजस्थान सरकार के फैसले को सही ठहराते हुए बीएड डिग्रीधारकों को प्राइमरी शिक्षण से बाहर कर दिया है । सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को इस मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि, अब केवल बीटीसी डिप्लोमा धारक ही लेवल – 1 यानी तृतीय क्षेणी परीक्षा में बैठने के अधिकारी होंगे, इसके लिए अब बीएड डिग्रीधारक आवेदन नहीं कर सकेंगे । कोर्ट के इस फैसले ने देशभर के सभी बीएड डिग्रीधारकों को बड़ा झटका दिया है। वही दूसरी तरफ इस फैसले से बीटीसी डिग्रीधारकों में खुशी की लहर दौड़ गयी है । सुप्रीम कोर्ट ने एनसीपीई और केंद्र सरकार की एसएलपी को खारिज करते हुए राजस्थान हाई कोर्ट के फैसले को वैध करार देते हुए न्यायालय ने प्राइमरी स्कूल से B.Ed धारकों को बाहर कर दिया है।
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SC ने राजस्थान सरकार फैसले को ठहरा उचित
बीएसटीसी बनाम बीएड मामले में जस्टिस अनिरुद्ध बोस और जस्टिस सुधांशु धूलिया की बेंच ने इस मामले में फैसला सुनाया है । इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा केन्द्र सरकार की 30 मई को जारी की गयी अधिसूचना को निरस्त कर दिया है, जिसमे बीएड डिग्री धारकों को रीट की लेवल वन की परीक्षा के योग्य करार दिया गया था । आपको बता दें कि, इस अधिसूचना ने ही पूरे विवाद को जन्म दिया था ।
इस फैसले से B.Ed करने वाले सभी उम्मीदवार अब प्राथमिक विद्यालयों में शिक्षक बनने की दावेदारी से बाहर हो गए हैं। जिसके साथ ही अब वे प्राइमरी शिक्षक नहीं बन सकेंगे, इस फैसले से अब मात्र बीटीसी धारक ही प्राथमिक स्कूलो शिक्षक बन सकेंगे। सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का असर राजस्थान के साथ – साथ बाकी राज्य में देखने को मिलेगा ।
NCTE अधिसूचना से शुरू हुआ था पूरा विवाद
साल 2018 में NCTE द्वारा जारी की गयी अधिसूचना के साथ ही बीएड बनाम बीएसटीसी विवाद ने जन्म लिया था । इस याचिका में कहा गया था कि, राजस्थान अध्यापक पात्रता परीक्षा (REET) के लेवल-1 परीक्षा के लिए बीएड डिग्रीधारक इस शर्त पर योग्य होंगे , जब वे परीक्षा उत्तीर्ण होने के बाद 6 माह का ब्रिज कोर्स को कर लेंगे। इसको लेकर पक्ष और विपक्ष दोनों ने ही याचिका दायर की थी, जिसमें राजस्थान कोर्ट ने कोई फैसला नहीं सुनाया था । इसके बाद जब राजस्थान सरकार ने REET 2021 को लेकर अधिसूचना जारी की तो, उसमें B.Ed डिग्रीधारकों को आवेदन करने के लिए कई शर्त के साथ परीक्षा में बैठने का मौका दिया और इसका भी अंतिम फैसला हाईकोर्ट पर सौंप दिया ।
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जानिए पूरा मामला
दरअसल, राजस्थान सरकार ने प्राथमिक स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती के लिए आवेदन दिया था । जिसमें इस परीक्षा में बैठने के लिए बीएड डिग्रीधारकों को अयोग्य घोषित किया गया था । इस अधिसूचना को लेकर अभ्यार्थियों ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और अब सुप्रीम कोर्ट ने भी राजस्थान सरकार के फैसले को सही बताते हुए , न्यायमूर्ति अनिरुद्ध कुमार बोस की अध्यक्षता वाली बेंच ने राजस्थान सरकार की इस पॉलिसी को सही ठहराते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय के फैसले पर अपनी मोहर लगा दी है ।