BCCI ने क्रिकेट के विकास के लिए कुछ नहीं किया : SC
नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) को फटकार लगाते हुए कहा कि बोर्ड ने देश में क्रिकेट के विकास के लिए कोई कदम नहीं उठाया। इसके सदस्यों ने बोर्ड को एक दूसरे को फायदा पहुंचाने वाला संस्था बना दिया है।
सुप्रीम कोर्ट बोर्ड में बड़े पैमाने पर सुधारों के लिए बनी जस्टिस आरएम लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों पर बीसीसीआई की अपील पर सुनवाई कर रही थी। बीसीसीआई ने कोर्ट में याचिका दायर कर कहा कि जस्टिस एमएल लोढ़ा कमेटी की रिपोर्ट को लागू नहीं किया जा सकता तो सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई के काम पर कड़े सवाल उठाए।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक राज्य को एक से ज्यादा वोट का अधिकार देने पर बीसीसीआई क्यों अड़ी हुई है? बीसीसीआई का काम देशभर में क्रिकेट को बढ़ावा देना है। कोर्ट ने पूछा कि क्या मुंबई और गुजरात के अलावा दूसरे राज्य भी क्रिकेट को लेकर कम उत्साहित हैं?
कोर्ट ने कहा कि अफसोस है कि आपने(बीसीसीआई) क्रिकेट को बढ़ावा देने के लिए कुछ भी नहीं किया है। गोवा को आप 60 करोड़ दे रहे हैं और बिहार को नजर अंदाज करेंगे? कोर्ट ने कहा कि बड़े राज्य छोटे राज्यों पर क्यों हावी हैं?
कोर्ट ने बीसीसीआई से पूछा कि आप राज्य संघ को पैसे दे रहे हैं लेकिन उनसे हिसाब नहीं मांग रहे हैं। ऐसा लगता है कि आपने आपस में ही फायदे के लिए संस्था बना रखी है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा बनाई गई जस्टिस लोढ़ा समिति ने बीसीसीआई में सुधार के लिए कई सुझाव दिए हैं। इनमें एक राज्य, एक वोट का भी सलाह दी गई है। साथ ही बीसीसीआई से मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों को बाहर रखने की बात कही गई है।
जस्टिस लोढ़ा बीसीसीआई में कैग को शामिल करना चाहते हैं जबकि बीसीसीआई इसका विरोध कर रही है। इस बीच सुप्रीम कोर्ट ने बीसीसीआई से राज्य क्रिकेट संघ को दिए गए पांच साल के पैसे का हिसाब किताब मांगा है।
कोर्ट ने कहा कि आप खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्रों नजर अंदाज कर रहे हैं। जस्टिस लोढ़ा पैनल कोई छोटी कमेटी नहीं है, ये पूर्व चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के नेतृत्व में बनी है और कोर्ट को इस पैनल पर पूरा विश्वास है। मामले की अगली सुनवाई शुक्रवार को होनी है।