Basant Panchami 2024: जानें 13 या 14 फरवरी, कब है बसंत पंचमी ?

बसंत पंचमी पर पीले रंग का क्या है महत्व ?

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Basant Panchami 2024: प्रतिवर्ष बसंत पंचमी माघ मास के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाई जाती है. यह दिन ज्ञान और कला की देवी सरस्वती के प्राकट्य दिवस के तौर पर मनाई जाती है. इस दिन को ज्ञान पंचमी और श्रीपंचमी भी कहा जाता है. इस साल माघ माह की पंचमी तिथि 13 फरवरी से शुरू होकर 14 फरवरी चलने वाली है. ऐसे में बहुत से लोग नहीं जानते कि बसंत पंचमी किस दिन मनाई जाएगी. यदि आपके साथ भी ऐसा कुछ है, तो ये संशय यहां से दूर कर लीजिए क्योंकि, आज हम बताने जा रहे हैं किस दिन मनाई जाएंगी बसंत पंचमी… ?

बसंत पंचमी का शुभ मुहूर्त

ज्योतिषाचार्य के अनुसार, बसंत पंचमी तिथि 13 फरवरी को दोपहर 02 बजकर 41 मिनट से शुरू होगी और 14 फरवरी को दोपहर 12 बजकर 09 मिनट तक रहेगी. ऐसे में इस साल बसंत पंचमी का पर्व 14 फरवरी को मनाया जाएगा क्योंकि इसकी उदया तिथि 14 फरवरी है. 14 फरवरी को बसंत पंचमी पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 7 बजे 1 मिनट से दोपहर 12 बजे 35 मिनट तक रहेगा. ऐसे में आप कभी भी पूजा कर सकते हैं.

बसंत पंचमी का क्या है महत्व

सनातन धर्म में बसंत पंचमी के दिन को काफी शुभ दिन माना जाता है. ये दिन विद्यार्थियों और संगीत प्रेमियों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण हैं. इस दिन किताबें और वाद्य यंत्र पूजे जाते हैं. यह भी कहा जाता है कि, बसंत पंचमी किसी भी शुभ काम की शुरूआत करने का शुभ अवसर होता है. इस दिन मुहूर्त का विचार किए बिना इस दिन किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत की जा सकती है.

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बसंत पंचमी पर पीले रंग का महत्व ?

बसंत पंचमी के दिन पीला रंग बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. लोग मां सरस्वती की पूजा करते समय पीले कपड़े पहनते हैं. उन्हें पीले पुष्प, फल, चावल और अन्य भोजन अर्पित करते हैं. इसकी वजह है कि बसंत पंचमी तक मौसम सुहावना हो जाता है और कड़ाके की ठंडक कम हो जाती है. इस मौसम में पेड़ों पर नई पत्तियां खिलने लगती हैं, फूल खिलने लगते हैं और खेतों में सरसों की फसल खिलने लगती है. खेतों में सरसों के पीले-पीले फूल देखने से लगता है कि प्रकृति ने खुद को पीले रंग से सजाया है. कुल मिलाकर, बसंत में पीला रंग प्रमुख होता है. इस बसंत में माता सरस्वती का जन्मदिन भी आता है. ऐसे में बसंत के पीले रंग से जुड़ी वस्तुओं को मां सरस्वती को अर्पित कर पूजन किया जाता है.

 

 

 

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