Bangladesh Violence: हसीना के इस्तीफे से भारत की बढ़ी चिंता, जानें क्या होगा असर ?

0

Bangladesh Violence: बांग्लादेश में आरक्षण की मांग पर भड़की हिंसा अब गृहयुद्ध में तब्दील होती जा रही है. बिगड़े हालात के बीच बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना ने बीते सोमवार को अपने पद से इस्तीफा देने के साथ ही देश को भी अलविदा कह दिया और भारत चली आई हैं. ऐसे में अब बांग्लादेश में तख्तापलट होने वाला है, जिसके साथ ही नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद युनूस को की अगुवाई में वहां अंतरिम सरकार बनाई जा सकती है.

दूसरी ओर बांग्लादेश में आने वाली नई सरकार से भारत की चिंता बढ़ा दी है. संभव है कि नई सरकार के सत्ता में आने से विदेशी कूटनीति में बदलाव किया जाएगा. यही वजह है कि शेख हसीना की विदाई ने भारत सरकार की चिंता को बढा दिया है. इसका दूसरा कारण यह भी है कि बांग्लादेश नेशनल पार्टी यानी बीएनपी और जमात ए इस्लामी पार्टी ही अब सत्ता में काबिज होने वाली है और इन पार्टियों का झुकाव चीन और पाकिस्तान की तरफ ही है. ऐसे में यह कहना गलत नहीं होगा कि यह भारत के लिए खतरे की घंटी हो सकती है.

सीमा सुरक्षा भारत के लिए बड़ी चुनौती

भारत-बांग्लादेश की अंतरराष्ट्रीय सीमा जो 4096 किलोमीटर लंबी है, दरअसल विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी भूमि सीमा है. बांग्लादेश देश के पांच राज्यों में यह सीमा है. इस पूरे क्षेत्र में बहुत अधिक जनसंख्या है और मैदानी, जल, पहाड़ी और जंगली क्षेत्रों का एक बड़ा हिस्सा भी है. पड़ोसी देश में अस्थिरता के कारण बहुत से लोग वहां से भारत पलायन करने का विचार कर सकते हैं. ऐसे में देश की सुरक्षा को बांग्लादेश से आने वाले शरणार्थियों की संख्या बढ़ सकती है. यही वजह है कि सीमा की सुरक्षा भारत के लिए एक बड़ी चुनौती हो सकती है. इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने भारत को हर समय मदद की है. ऊर्जा, कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में उनके कार्यकाल में बहुत काम हुआ है. साथ ही दोनों देशों का व्यापार में अच्छा सहयोग रहा है.

बीच में फंस सकता है तीस्ता नदी कंजर्वेशन प्रोजेक्ट

बांग्लादेश में तख्तापलट का असर तीस्ता सिंचाई परियोजना पर भी पड़ सकता है. इस योजना को लेकर पिछले कई सालों से दोनों देशों के बीच वार्तालाप चल रही है. बीते कई दौरों पर शेख हसीना और पीएम मोदी के बीच तीस्ता नदी कंजर्वेशन प्रोजेक्ट पर बातचीत हुई है. हालांकि, इस परियोजना पर चीन की नजर सही नहीं है. ऐसे में जब बांग्लादेश में पाक और चीन समर्थक पार्टी सत्ता में आएंगी तो, जाहिर सी बात है कि, इस परियोजना पर बुरा असर पड़ सकता है.

ट्रेडिंग पर भी होगा असर

भारत और बांग्लादेश व्यापार में अच्छे दोस्त रहे हैं. वही ibef.org पर मौजूद आंकड़ों के अनुसार, दोनों देशों ने 2023-24 के वित्त वर्ष में 14.22 अरब डॉलर का व्यापार किया था. साल 2023 में भारत ने 6,052 सामान बांग्लादेश को निर्यात किए, वहीं वित्त वर्ष 2022 में 16.15 अरब डॉलर की तुलना में निर्यात 12.20 अरब डॉलर था.

भारत से बांग्लादेश जाने वाली चीजें

कपास, धागा,
पेट्रोलियम उत्पाद
अनाज
सूती कपड़े

बांग्लादेश से भारत जाने वाली चीजें

आरएमजी कपास
सूती कपड़े
आरएमजी मानव निर्मित फाइबर
मसाले

Also Read: बांग्लादेश नहीं थमी हिंसा, अवामी लीग के नेता जिंदा जलाया और कैदियों को कराया मुक्त…..

क्या दूसरा पाकिस्तान बन जाएगा बांग्लादेश ?

उधर शेख हसीना के बेटे ने जानकारी देते हुए बताया है कि शेख हसीना की अब राजनीति में वापसी नहीं होगी. हसीना के बेटे सजीब वाजेद जाय ने यह दावा किया. सजीब ने बताया कि उनकी मां हसीना ने परिवार की मांग पर देश छोड़ दिया है. इसके अलावा न्यूजआवर को दिए साक्षात्कार में कहा कि, उनकी मां राजनीति में नहीं आएगी. आइएएनएस समाचार एजेंसी ने बताया कि, अगर बीएनपी-जमात गठबंधन सत्ता में आया तो बांग्लादेश दूसरा पाकिस्तान बन जाएगा. भारत के लिए यह काफी चिंता का विषय है.

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. Accept Read More