बनारस: प्याज के दाम ने निकाले आंसू, टमाटर ने भी तरेरी आंख
वाराणसीः त्योहार के इस सीजन में तमाम काशीवासी फलाहारी के साथ-साथ बिना प्याज लहसुन का भोजन करने पर एक तरह से मजबूर हो गए हैं। लगभग एक सप्ताह में भाव दोगुना होने के चलते प्याज ने अपना दाम 80 किलो कर लोगों के आंसू निकाल रहा है. वहीं टमाटर भी अपने लाल रंग के अनुसार 70 रुपये किलो कर अपनी आंखे तरेर रहा है. इसी क्रम ने लहसून धीरे-धार अपने सभी रिकार्ड को तोड़ते हुए अपना भाव 250 से 280 रूपये किलो कर रखा है। एसा नहीं है कि ये दाम केवल प्रदेश के मंहगे शहर में शुमार केवल वाराणसी में है। यूपी के लगभग सभा जिलों में सब्जियों के दाम आसमानचूम रहे हैं। इसके चलते मध्यमवर्गीय लोगों के घरों का जहां बजट गड़बड़ा गया है वहीं गृहणियों को भी सब्जियों का सब्च्यूट चना, मटर समेत बिन प्याज लहसून की सब्जियों को बनाकर उनका स्वाद बदलना पड़ रहा है। जो भी लोग इसे ग्रहण कर रहे थे एवं इसके खत्म होते ही बनारस समेत पूरे प्रदेश में प्याज के दामों में बढ़ोतरी देखी जा रही है जिससे ज्यादातर घरों में बिना प्याज लहसुन के ही सब्जी बन रही है।
जमाखोरी का खेल, व्यक्त की जा रही आशंका
प्याज, टमाटर, लहसून समेत अन्य सब्जियों के भावों में आई अचानक तेजी को लेकर लोगों की आशंकाएं बिचौलियों द्वारा जमाखोरी का खेल को लेकर जताई जा रही हैं. माना जा रहा है कि ठंड बढ़ने और लगन के शुरू होने के साथ प्याज,टमाटर, लहसून, मटर संग आलू की मांग और बढ़ेगी. इसे देखते हुए इन्हें डंप किया जा रहा है. दूसरी ओर देशभर में प्याज की कीमतों को लेकर महंगाई का बाजार इस कदर तेज हुआ कि लखनऊ, उरई, हमीरपुर समेत प्रदेश के विभिन्न जिलों में इनके दाम आसमान छूते नजर आए.
विभिन्न मंडियों में भाव
बनारस के सिगरा,राजातालाब,सुंदरपुर स्थित सब्जी मंडी की दुकानों पर प्याज फुटकर में 70 से 80 रुपये किलो तथा थोक में 300-350 रुपए पसेरी (पांच किलो) बिक रहा है. दुर्गाकुंड, लंका समेत विभिन्न क्षेत्रों रेहड़ी , ठेला पर सब्जी वाले 80 रुपए प्रति किलो से कम प्याज नहीं बेच रहे हैं.
मंडी में अचानक आवक में आई कमी
जिले की मंडियों के थोक विक्रेताओं की माने तो पहले जहां मंडी में रोजाना 10 ट्रक से अधिक प्याज की आवक होती थी अब अचानक से घट कर एक-दो ट्रक ही रह गई है. बाजार पर कुछ बिचौलियों के नियंत्रण के चलते आम लोगों को महंगा प्याज खरीदना पड़ रहा है. सिगरा सब्जी मंडी में दुकान लगाने वाले राजू सोनकर ने बताया कि बारिश के कारण काफी मात्रा में प्याज खराब हो गए,जिसके कारण दाम में वृद्धि देखने को मिल रही है.
गृहणियों का दर्द, सलाद में प्याज का प्रयोग किया बंद
गरीब एवं मध्यम वर्ग के लोगों को सब्जी खरीदने के पहले अपनी जेब को चेक करना पड़ रहा है. प्याज के दामों में इस तरफ से वृद्धि लोगों के रसोई बजट को प्रभावित कर रही है. गृहिणियों के किचन पर प्याज के बढ़ते दाम ने बुरी प्रभाव डाला है. कबीरनगर निवासी सीमा के अनुसार प्याज के दामों का भाव देख वह पहले जहां हफ्ते में 1 किलो खरीदती थी अब मात्र पाव भर से ही काम चला रही हैं। प्याज का प्रयोग वह केवल सब्जी बनाने के लिए ही कर रही है. दाल में तड़का लगाने एवं सलाद में प्याज का प्रयोग बंद कर दिया है.