जेल के गटर से बरामद पिस्टल से नहीं हुई थी डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या!
बागपत जेल में 9 जुलाई की सुबह पूर्वांचल के डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद गटर से बरामद पिस्टल(pistol ) को फॉरेंसिक जांच में पुलिस की कार्यप्रणाली और कहानी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। एफएसएल की जांच रिपोर्ट में सामने आया है कि जेल के गटर से बरामद पिस्टल से गोली ही नहीं चली थी।
इसका सीधा मतलब है कि मुन्ना बजरंगी की हत्या में किसी दूसरे असलहे का प्रयोग किया गया।पुलिस को करीब 20 दिन पहले यह रिपोर्ट मिली थी, जिस पर पूर्व एसपी जयप्रकाश ने आपत्ति लगाकर दोबारा जांच के लिए भेज दिया था। पुलिस कुख्यात सुनील राठी के कबूल के जाल में उलझकर रह गई है। गौरतलब है कि मुन्ना बजरंगी की पूर्व बसपा विधायक लोकेश दीक्षित से रंगदारी मांगने के आरोप में बागपत कोर्ट में पेशी होनी थी।
सीएम योगी ने दिए थे हत्या के मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए
उसे रविवार को झांसी से बागपत लाया गया था। पेशी से पहले ही जेल में उसे गोली मार दी गई। यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुन्ना बजरंगी की हत्या के मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं। योगी ने कहा, ‘जेल में हुई हत्या बहुत गंभीर मामला है।
मामले की गहराई से जांच होगी। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा।’ एडीजी जेल चंद्र प्रकाश ने कहा कि सुबह 6 बजे बागपत जेल के अंदर झगड़े के दौरान मुन्ना बजरंगी को गोली मारी गई। गोली सुनील राठी ने मारी है। इसके बाद उसने हथियार को गटर में फेंक दिया था।
सरकारी ठेकेदारों से रंगदारी और हफ्ता वसूलने का भी आरोप था
बता दें मुन्ना बजरंगी पर 40 हत्याओं, लूट, रंगदारी की घटनाओं में शामिल होने का केस दर्ज है। मुन्ना बजरंगी पूरे यूपी की पुलिस और एसटीएफ के लिए सिरदर्द बना हुआ था। वह लखनऊ, कानपुर और मुंबई में क्राइम करता था। सरकारी ठेकेदारों से रंगदारी और हफ्ता वसूलने का भी आरोप था। साभार
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