बागेश्वर धाम सरकार: विवादों में बाबा धीरेंद्र शास्त्री, समर्थन में प्रदर्शन, जानें कैसे शुरू हुआ ये सब

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इन दिनों बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री काफी चर्चा में है. बाबा धीरेंद्र शास्त्री पर अंधविश्वास को बढ़ावा देने और ज्यादा फैलाने का आरोप लग रहा है. जिसके चलते एक तरफ उनका विरोध हो रहा है तो दूसरी तरफ उनका समर्थन कई बड़े दिग्गज नेता, संत समाज और हिंदू संगठन कर रहे हैं. सोशल मीडिया में भी बाबा के समर्थन में लोग ट्वीट और पोस्ट कर रहे हैं.

अंधविश्वास को लेकर बाबा धीरेंद्र के खिलाफ पुलिस में भी शिकायत की गई है. अंधविश्वास के आरोपों पर बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने कहा ‘मैं कोई अंधविश्वास नहीं फैला रहा. मैं कभी यह नहीं कहता कि मैं भगवान हूं. अनुच्छेद 25 के तहत हमें धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार प्राप्त है, इसलिए हम अपने धर्म का प्रचार कर रहे हैं.’

 

Bageshwar Dham Sarkar Baba Dhirendra Krishna Shastri Controversy

 

इस मामले में रविवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में रोहिणी इलाके के जापानी पार्क में बीजेपी नेता कपिल मिश्रा समेत भारी संख्या में लोग धीरेंद्र शास्त्री के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे हैं. इस दौरान धीरेंद्र शास्त्री के समर्थन में तेज आवाज में नारे लगाए गए और विरोध जताने वालों पर आपत्ति जतायी गई.

कपिल मिश्रा ने कहा ‘जो भी धर्मगुरू, मठाधीश या कथावाचक धर्म परिवर्तन के खिलाफ बात करेंगे, लव-जिहाद के खिलाफ खुलकर चर्चा करेंगे. हमारा कर्तव्य है कि हम उनके साथ खड़े हों. इसलिए हम आज इस प्रदर्शन में शामिल हुए हैं.’

कपिल मिश्रा ने आगे कहा ‘अंधविश्वास की बात करने वाले लोग पहले मुझे वो शिकायतें दिखाएं जो उन्होंने नकली पादरियों के खिलाफ की हों. जिन लोगों की आस्था नहीं है वो धीरेंद्र जी के पास ना जाएं और जिनकी आस्था है वो जाएं.’

बाबा धीरेंद्र शास्त्री का समर्थन करते हुए योगगुरु बाबा रामदेव कहा ‘कुछ पाखंडी धीरेंद्र शास्त्री पर टूट पड़े हैं और पूछ रहे हैं कि बालाजी की कृपा क्या है, हनुमान जी की कृपा क्या है? जिन्हें बाहर की आंखों से देखना हो, वो धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से पूछें, लेकिन जिन्हें तर्क-वितर्क करना हो, वो रामभद्राचार्य जी के पास आ जाओ और चमत्कार देखना हो, तो इनके शिष्य धीरेंद्र शास्त्री के पास चले जाओ.’

स्वामी रामदेव ने कहा ‘मैं मीडिया के लोगों को ज्यादा फोन नहीं करता. लेकिन कहना चाहता हूं कि सब जगह पाखंड मत ढूंढो. ये सच है जो दिख रहा है और जो आंखों से दिख रहा है, वो एक प्रतिशत है. आप लोग सनातन को आगे बढ़ाने के लिए काम करें.’

 

बाबा धीरेंद्र शास्त्री के समर्थन में कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने कहा था ‘जब कोई पादरी और मौलवी अपने शिविर में लोगों को धर्मांतरण के लिए उत्साहित करते हैं तो उनसे कोई सवाल नहीं पूछा जाता है. लेकिन, जब सनातन धर्म की बात आती है तो विरोध शुरू हो जाता है. बाबा बागेश्वर धाम में जो भी चमत्कार होता है, वह सब हनुमान जी की कृपा से होता है, धीरेंद्र शास्त्री कुछ नहीं करते. इसमें अंधविश्वास कहा से आ गया. धीरेंद्र शास्त्री पर जादू टोना करने का आरोप पूरी तरह से बेबुनियाद है.’

बीजेपी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय भी बाबा धीरेंद्र शास्त्री के पक्ष में खड़े हुए. विजयवर्गीय ने उनका समर्थन करते हुए कहा कि एक इंटरव्यू में बाबा धीरेंद्र कह रहे थे कि चमत्कार उनका नहीं है. बल्कि उनके इष्ट देव का है. मुझे हनुमान जी और सन्यासियों पर पूरा भरोसा है. मैं कुछ नहीं बल्कि छोटा सा साधक हूं. इस बयान पर विजयवर्गीय ने कहा कि ‘धीरेंद्र शास्त्री पर आरोप लगाना गलत है. सनातन धर्म में उनके जैसे कई लोग हैं. लोग दरगाह पर सवाल क्यों नहीं उठाते हैं. हुसैन टेकरी दरगाह पर भी लोग नाचते-कूदते हैं और अच्छे होकर चले जाते हैं. लोग इस पर सवाल क्यों नहीं करते? ऐसे लोगों की सनातन धर्म में आस्था नहीं है, इसलिए वो ऐसे सवाल उठा रहे हैं.’

 

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अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति के आरोपों से जन्मा विवाद…

दरअसल, महाराष्ट्र के नागपुर में श्रीराम चरित्र-चर्चा का आयोजन हुआ था. तब वहां बागेश्वर धाम वाले बाबा धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का दरबार लगा था. इस दौरान अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति ने धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री पर अंधविश्वास फैलाने का आरोप लगाया था. बाबा धीरेंद्र पर गंभीर आरोप लगाते हुए समिति के अध्यक्ष श्याम मानव ने कहा था कि दिव्य दरबार और प्रेत दरबार के नाम पर धीरेंद्र शास्त्री जादू-टोना को बढ़ावा दे रहे हैं. धर्म के नाम पर वो लोगों को लूटने की कोशिश में लगे हैं. अंधश्रद्धा उन्मूलन समिति के मुताबिक, जब बागेश्चर धाम सरकार को चमत्कार साबित करने के लिए चुनौती दी गई है तो कथा बीच में ही छोड़कर वह चले गए थे.

इसके बाद बाबा धीरेंद्र शास्त्री का भी बयान आया. उन्होंने चुनौती देने वालों को छत्तीसगढ़ के रायपुर बुलाया। यहां 18 जनवरी, 2023 से अभी उनकी रामकथा चल रही है. रामकथा में धर्मांतरण को लेकर 18 जनवरी को उन्होंने कहा था कि जहां-जहां धर्मांतरण हो रहा है, वहां-वहां हम राम कथा सुनाने जा रहे हैं. शास्त्री के इस बयान के बाद उनके खिलाफ अंधविश्वास फैलाने आने का आरोप लगने लगा था. इसके अलावा, राजनीति भी शुरू हो गई जो अभी भी जारी है.

बीते शुक्रवार को बाबा धीरेंद्र शास्त्री ने कई मीडियाकर्मियों के सामने चमत्कार करने का दावा किया था. उन्होंने एक नेशनल न्यूज चैनल के रिपोर्टर को उनके चाचा का नाम लेकर मंच से बुलाया और उनके घर से लेकर भतीजी तक के बारे में बताया. इसका एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. इसके बाद से विवाद जारी है.

जानें बागेश्वर धाम के बारे में…

मध्य प्रदेश के छतरपुर में गढ़ा नाम की एक जगह है. यहीं पर बागेश्वर धाम का तीर्थ स्थल है, जो बालाजी (हनुमान जी) का मंदिर है. यहां हर मंगलवार को बालाजी के दर्शन को भारी भीड़ उमड़ती है. धीरे-धीरे इस दरबार को लोग बागेश्वर धाम सरकार के नाम से पुकारने लगे. ये मंदिर सैकड़ों साल पुराना बताया जाता है. वर्ष 1986 में इस मंदिर का रेनोवेशन कराया गया था. वर्ष 1987 के आसपास यहां एक संत बब्बा जी सेतु लाल जी महाराज आए थे. इनको भगवान दास जी महाराज के नाम से भी जाना जाता था.

 

Bageshwar Dham Sarkar Baba Dhirendra Krishna Shastri Controversy

 

धाम के मौजूदा प्रमुख पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री भगवान दास जी महाराज के ही पौत्र हैं. वर्ष 1989 के समय बाबा जी द्वारा बागेश्वर धाम में एक विशाल महायज्ञ का आयोजन किया गया. वर्ष 2012 में बागेश्वर धाम की सिद्ध पीठ पर श्रद्धालुओं की समस्याओं के निवारण के लिए दरबार का शुभारंभ हुआ. इसके बाद धीरे-धीरे बागेश्वर धाम के भक्त इस दरबार से जुड़ने लगे.

जानिए पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री के बारे में…

बागेश्वर धाम की बागडोर संभालने वाले पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री का जन्म वर्ष 1996 में मध्य प्रदेश के छतरपुर के गड़ागंज गांव में हुआ था. धीरेंद्र शास्त्री के पिता का नाम रामकृपाल गर्ग और माता का नाम सरोज गर्ग है. धीरेंद्र के छोटे भाई शालिग्राम गर्ग जी महाराज हैं और वह भी बालाजी बागेश्वर धाम को समर्पित हैं. इनका पूरा परिवार अभी भी गड़ागंज में ही रहता है. धीरेंद्र शास्त्री के दादा पंडित भगवान दास गर्ग भी इस मंदिर के पुजारी रहे हैं.

Bageshwar Dham Sarkar Baba Dhirendra Krishna Shastri Controversy

 

बचपन में धीरेंद्र शास्त्री काफी कठिनाइयों का सामना किया. आर्थिक स्थिति खराब होने की वजह से उनके परिवार को एक वक्त का ही भोजन मिल पाता था. रिपोर्ट्स के अनुसार, धीरेंद्र शास्त्री ने 11 वर्ष की उम्र से ही बालाजी बागेश्वर धाम में पूजा पाठ शुरू कर दी थी. इनके दादा ने चित्रकूट के निर्मोही अखाड़े से दीक्षा ली और फिर वह गड़ागंज पहुंचे थे. पंडित धीरेंद्र शास्त्री हमेशा एक छोटी गदा लेकर चलते हैं. उनका कहना है कि इससे उन्हें हनुमान जी की शक्तियां मिलती रहती हैं. वह हनुमान जी की आराधना करने के लिए लोगों को प्रेरित भी करते हैं.

 

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धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि वह अपने दरबार में किसी को बुलाते नहीं हैं. लोग खुद की मर्जी से आते हैं. वह किसी तरह का कोई चमत्कार नहीं करते हैं. वह तो सिर्फ बालाजी हनुमानजी के सामने लोगों की अर्जियां लगाते हैं. इससे आम लोगों को फायदा होता है.

 

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