काशी में कोतवाल की कुर्सी पर ‘बाबा भैरवनाथ’

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आस्था और धर्म की नगरी में शुमार रखने वाले वाराणसी को भगवान भोलेनाथ की नगरी कहा जाता है। भगवान भोलेनाथ यहां के मालिक हैं ऐसा माना जाता है। तो वहीं बाबा भैरवनाथ को यहां का कोतवाल कहा जाता है। 12 ज्योर्तिलिंगों में सबसे अहम स्थान पर माने जाने वाले बाबा काशी विश्वनाथ यहीं पर विराजमान हैं। दुनिया के सबसे माने जाने वाले इस काशी में बाबा भैरवनाथ भी अपना डेरा जमाए हुए हैं।

कोतवाली में विराजमान हैं बाबा भैरव

अब आप को बताते हैं कि यहां पर लोग बाबा भैरवनाथ में कितनी आस्था रखते हैं। दरअसल, वाराणसी में बाबा काल भैरव के मंदिर के पास एक कोतवाली है जहां पर प्रभारी निरीक्षक की कुर्सी पर स्वंय बाबा भैरवनाथ विराजमान हैं।

बगल में बैठते हैं प्रभारी निरीक्षक

वहीं उसके बगल में जो भी वहां पर प्रभारी निरीक्षक बनकर आता है उसकी कुर्सी लगी हुई है। आपको बता दें कि साल 2016 में बतौर कोतवाली प्रभारी अरविंद कुमार सिसोदिया ने बाबा भैरवनाथ को यहां की कुर्सी पर स्थापति कराया था तभी से ये परंपरा चली आ रही है।

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चल रही है परंपरा

अब जो भी यहां पर तैनात होता है उसकी कुर्सी बाबा के बगल में लगाई जाती है। कहते हैं आस्था हो तो पत्थर में भगवान नजर आते हैं और अगर आस्था ही न हो तो भगवान भी पत्थर नजर आते हैं। इसी बात को इजागर कर रही है ये तस्वीर जो वाराणसी में कोतवाली में कोतवाल की कुर्सी पर लगी हुई है।

इस तस्वीर से ये तो साफ नजर आ रहा है कि भगवान को मानने वालों के दिलों में कितनी आस्था है। कोतवाली में बाबा भैरव के साथ ही साईं बाबा और मां शीतला देवी की भी तस्वीर लगाई गई है। कोतवाली में बाबा की तस्वीर लगाने से इलाके के लोग भी खुश दिखाई दे रहे हैं।

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