बाबा अमरनाथ की 52 दिनी यात्रा शुरू, 60 हजार जवान तैनात
श्रीनगर: देश में हिन्दुओं के सबसे पवित्र तीर्थ स्थान अमरनाथ ( AMARNATH YATRA ) के लिए यात्रा शनिवार से शुरू हो गई है. यात्रा शुरू होने से पहले शनिवार को गुफा में “प्रथम पूजा” की गई. SASB और जम्मू के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ( MANOJ SINHA ) ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म से ट्वीट किया कि- आज वार्षिक श्री अमरनाथ जी यात्रा के औपचारिक शुभारंभ के अवसर पर प्रथम पूजा की गई. बाबा अमरनाथ जी का आशीर्वाद लिया और सभी लोगों के अच्छे स्वास्थ्य, प्रगति और खुशहाली के लिए प्रार्थना की.
यात्रा से पहले पुख्ता की सुरक्षा व्यवस्था
बता दें कि, एक सप्ताह में शुरू होने जा रही अमरनाथ यात्रा को लेकर जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा कि तीर्थयात्रा को सफल बनाने के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम करने के साथ ही सुविधाओं में भी सुधार किया गया है. इस बार यात्रा को सफल बनाने सुगम बनाने के लिए ज्यादा सुरक्षा बालों की तैनाती की गई है जबकि जम्मू-श्रीनगर राष्ट्रीय राजमार्ग की सुरक्षा व्यवस्था को लेकर समीक्षा की और तीर्थयात्रा को बाधित करने के आतंकवादियों के किसी भी प्रयास को विफल करने के लिए उच्च स्तर की सतर्कता की जरूरत पर जोर दिया गया है.
52 दिन चलेगी यात्रा…
गौरतलब है कि इस बार अमरनाथ यात्रा 52 दिन तक चलेगी. इस बार यह यात्रा 29 जून से शुरू होकर 19 अगस्त रक्षाबंधन यानि सावन के पूर्णिमा के साथ समाप्त होगी. यह गुफा दक्षिण कश्मीर में 3,880 मीटर ऊंचे पहाड़ में स्थिति है. यहां हर साल लाखों भक्त भगवान् भोलेनाथ के दर्शन के लिए आते हैं. पिछले साल यहां 4.5 लाख से अधिक लोगों ने यात्रा की थी.
अमरनाथ यात्रा से लौटे यात्रियों में फैली यह बीमारी …
आपको बता दें कि हर साल इस यात्रा के लिए लाखों लोग जाते हैं लेकिन इस बार एक अनोखी बीमारी देखने को मिल रही है. यात्रा से लौटे कुछ यात्रिओं में लंग्स इन्फेक्शन की शिकायत सामने आ रही है. डॉक्टर के अनुसार, मैदानी इलाकों में रहने वाले व्यक्ति 3000 मीटर की ऊंचाई पर पहाड़ चढ़ते समय जब सांस लेने की कोशिश करते हैं तो उनके फेफड़े ठीक से फूल नहीं पाते. इस दौरान स्ट्रोक का खतरा भी बढ़ जाता है.
यात्रा में तैनात हुए हजारों सैनिक…
गौरतलब है कि इस बार अमरणाथ यात्रा के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गए है, जहां जमीन से लेकर आसमान तक की निगहबानी के इंतजाम है. यात्रा को सफल बनाने के लिए 60 हजार सैनिकों की तैनाती की गई है. इसमें सीआरपीएफ, बीएसएफ, आईटीबीपी, सीआईएसएफ के अलावा जम्मू कश्मीर पुलिस और सेना के जवान हैं. सबसे ज्यादा सीआरपीएफ के जवान तैनात होंगे. अकेले यात्रा के लिए ही करीब 60 हजार जवान तैनात किए जाएंगे.
NDRF की भी की गई तैनाती …
बता दें कि हर बार अमरनाथ यात्रा के दौरान किसी न किसी प्रकार से आपदा आ ही जाती है. पिछले साल आई आपदा में 16 यात्रियों की मौत हो गई थी जिसको देखते हुए इस बार NDRF की टीम पहले से विशेष तैयारी की है. इसके तहत उन चोटियों पर नजर रखी जा रही है, जहां पानी का जमाव हो सकता है. एनडीआरएफ के डीजे अतुल करवाल के मुताबिक इंडिया रेस की टीम पहले से ज्यादा संख्या में तैनात होगी, पिछले एक साल में हमने इसे लेकर काफी ट्रेनिंग की है.
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इन चीजों को खाने में लगा बैन…
आपको बता दें कि इस बार यात्रा की दौरान कई तरह की भोजन पर प्रतिबन्ध लगाया गया है. जिनमे यह निम्नलिखित आइटम शामिल है…
* इस यात्रा के दौरान किसी भी तरह के नॉनवेज आइटम.
* हैवी पुलाव / फ्राइड राइस.
* डोसा, पूरियां, भटूरा, भरवां परांठे, फ्राइड रोटियां, ब्रेड बटर
* अचार, चटनी, फ्राइड पापड़
* पिज्जा, बर्गर, क्रीम-बेस्ड फूड, चाउमीन और भी फ्राइड चीजें / फास्ट फूड आइटम्स.
* हलवा, जलेबी, गुलाब जामुन, लड्डू खोये की बर्फी, रसगुल्ला और सभी हलवाई आइटम्स.
* कुरकुरे स्नैक्स (जिनमें फैट और सॉल्ट ज्यादा होता है) जैसे चिप्स, नमकीन, पकौड़े, समोसे, तले हुए
सूखे मेवे और कोई भी फ्राइड आइटम.
* कोल्ड ड्रिंक.
* शराब, तंबाकू, गुटका, पान मसाला और दूसरे नशीले पदार्थ.
बता दें कि यह प्रतिबंध उन सभी लंगर संगठनों, फूड स्टॉल, दुकानों पर लागू है, जो इस यात्रा के रास्ते में होंगे, जो तीर्थयात्रियों (यात्रियों) और सर्विस प्रोवाइडर्स को खाना प्रोवाइड कराते हैं.