Fake birth certificate case में आजम खान, अब्दुल्ला आजम और तंजीम फातिमा को 7-7 साल की कैद

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सपा के दिग्गज नेता आजम खान को लोअर कोर्ट ने बड़ा झटका दिया है, मंगलवार को फेक बर्थ सर्टिफिकेट केस में रामपुर की एमपी-एमएलएल कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को दोषी करार दिया है। इसके साथ ही तीनों को 7-7 की सजा सुनाई गयी है, तीनों कोर्ट से सीधा जेल पहुंचेगे।

आपको बता दें कि, साल 2017 के यूपी विधानसभा चुनाव के दौरान फेक बर्थ सर्टिफिकेट का मामला सामने आया था, उस समय अब्दुल्ला आजम ने रामपुर की स्वार विधानसभा सीट से सपा की टिकट पर चुनाव लड़ा था। इस चुनाव में उनकी जीत हुई था, लेकिन चुनावी नतीजों के बाद उनके खिलाफ हाईकोर्ट में केस दाखिल कर दिया गया था। इसके साथ ही यह आरोप लगाया गया था कि, अब्दुल्ला आजम ने चुनावी फार्म में जो उम्र बताई है, असल में उनकी उम्र उतनी नहीं है।

भाजपा विधायक ने दर्ज कराया था केस

यूपी के पूर्व मंत्री व समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आजम खान, उनकी पत्नी डॉ. तजीन फात्मा और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम को रामपुर कोर्ट ने दोषी करार दिया है। इसके साथ ही कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने तीनों को हिरासत में ले लिया है। कुछ देर में कोर्ट अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में अपना फैसला सुनाते हुए 7-7 साल की सजा सुनाई है। बीजेपी नेता आकाश सक्सेना ने ये केस दर्ज करवाया था। शासकीय अधिवक्ता अरुण कुमार ने कहा कि, ‘अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में तीनों को दोषी करार दिया गया है। साथ ही 7-7 साल की सजा भी हुई है।’

दो बर्थ सर्टिफिकेट में थी अलग – अलग थी जन्म स्थान

आजम खान पर आरोप लगा था कि, चुनाव लड़ने की उम्र का पैमाना पूरा नहीं करते है, आजम खान के शैक्षणिक प्रमाण पत्र में अब्दुल्ला का डेट ऑफ बर्थ 1 जनवरी 1993 है,जबकि जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर उनकी जन्म तिथि 30 सितंबर 1990 बताई गयी है। इसके बाद यह मामला हाईकोर्ट पहुंचने के बाद इस पर सुनवाई शुरू हुई थी और अब्दुल्ला की तरफ से पेश किए गए जन्म प्रमाम पत्र को फर्जी पाया गया था। इसके बाद ही उनका स्वारा सीट से चुनाव भी रद्द कर दिया गया था।

आपको बता दें कि, आजम पर पहले जन्म प्रमाण पत्र के आधार पर पासपोर्ट हासिल करने और विदेशी दौरे करने के साथ ही सरकारी उद्देश्य के लिए दूसरे प्रमाण पत्र का इस्तेमाल करने का भी आरोप है. इसके अलावा उन पर जौहर विश्वविद्यालय के लिए भी इसका उपयोग करने का आरोप है. दरअसल, आरोप के मुताबिक अब्दुल्ला आजम के पास दो अलग-अलग जन्म प्रमाण पत्र हैं. एक 28 जून 2012 को रामपुर नगर पालिका ने जारी किया गया है, जिसमें रामपुर को अब्दुल्ला के जन्मस्थान के रूप में दिखाया गया है. वहीं दूसरा जन्म प्रमाण पत्र जनवरी 2015 में जारी किया गया है, जिसमें लखनऊ को उनका जन्मस्थान दिखाया गया है।

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क्या है पूरा मामला ?

आजम खां के परिवार के खिलाफ दो जन्म प्रमाण पत्र का मामला भाजपा विधायक आकाश सक्सेना की ओर से दर्ज कराया गया था। इसमें आरोप था कि आजम खां ने बेटे के अलग-अलग जन्मतिथि से दो जन्म प्रमाण पत्र बनवाए हैं। इसमें एक जन्म प्रमाण पत्र रामपुर नगर पालिका से बना है, जबकि दूसरा लखनऊ से बना है। इस मुकदमे में आजम खां के अलावा उनके बेटे अब्दुल्ला और पत्नी पूर्व सांसद डा. तजीन फात्मा भी नामजद हैं।

 

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