स्वतंत्रता के लिए आखिर क्यों चुना गया 15 अगस्त?. जानें क्या है Indian Independence Bill

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Independence Day: भारत कल यानि 15 अगस्त 2024 को अपना 78वां स्वतंत्र दिवस मनाएगा. इस आजादी को पाने के लिए न जाने कितने वीर सपूतों ने अपने प्राणों की आहुतियां दे दी. आज से 77 साल पहले भारत ने अपना पहला स्वतंत्र दिवस 15 अगस्त 1947 को मनाया था.

बता दें कि कई सालों के संघर्ष के बाद आखिरकार ब्रिटेन सरकार ने भारत को आजाद करने का फैसला किया. इसके साथ ही ब्रिटेन की संसद ने भारत के अंतिम गवर्नर जनरल लुइस माउंटबेटन को 30 जून 1948 तक भारत को सत्ता को हस्तांतरित करने का आदेश दिया. दूसरी ओर लुइस माउंटबेटन ने तारीख न बढ़ाते हुए भारत को 15 अगस्त 1947 को सत्ता हस्तांतरित करना का फैसला लिया.

ब्रिटेन संसद में पेश हुआ INDIAN INDEPENDENCE BILL

बता दें कि इसके बाद ब्रिटेन संसद में इंडियन इंडिपेंडेंस बिल यानि भारतीय स्वतंत्र विधेयक 18 जुलाई 1947 को पारित किया गया. भारत की आजादी के अलावा इस विधेयक में तत्कालीन देश को भारत और पाकिस्तान को विभाजित करने की बात कही गई.

क्या है INDIAN INDEPENDENCE BILL ?..

भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम 1947 में पारित किया गया था. इस अधिनियम ने दो नए स्वतंत्र प्रभुत्व बनाए भारत और पाकिस्तान. पाकिस्तान को पाकिस्तान और पूर्वी पाकिस्तान में विभाजित किया गया जो अब बांग्लादेश है. बंगाल और पंजाब प्रांतों को दो नए देशों के बीच विभाजित किया गया. इन प्रभुत्वों ने मुस्लिम, हिंदू और सिख आबादी को अलग कर दिया. सबसे बड़ा जबरन पलायन किया गया जो युद्ध या अकाल का परिणाम नहीं था. इस अधिनियम ने ब्रिटिश क्राउन के लिए एक उपाधि के रूप में ‘भारत के सम्राट’ के उपयोग को निरस्त कर दिया और रियासतों के साथ सभी मौजूदा संधियों को समाप्त कर दिया.

 

एटली ने की थी भारत की आजादी की घोषणा

गौरतलब है कि ब्रिटेन के जिन पीएम क्लेमेंट एटली ने भारत की आजादी की घोषणा की थी, वह साल 1928 में भारत आए साइमन कमीशन में एक सांसद के रूप में शामिल थे. हालांकि, भारत में कानूनी सुधारों के लिए बनाए गए साइमन कमीशन में कोई भी भारतीय नहीं था. इसलिए इसको देश भर में विरोध का सामना करना पड़ा था. वहीं, एटली जब ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बने तो भारत की स्वाधीनता का रास्ता साफ होता गया.

माउंटबेटन के प्लान पर आधारित का अधिनियम

कहा जाता है कि माउंटबेटन के प्लान पर ही भारतीय स्वाधीनता अधिनियम तैयार किया गया. इसे पांच जुलाई 1947 को ब्रिटेन की संसद ने पास कर दिया. इसके बाद 18 जुलाई 1947 को ब्रिटेन के तत्कालीन राजा जॉर्ज-VI ने भी इस पर अपनी मुहर लगा दी. इस अधिनियम के पास होने के साथ ही ब्रिटेन के राजा से भारत के सम्राट की उपाधि छिन गई.

 

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संविधान लागू होते ही अधिनियम की व्यवस्था समाप्त

बता दें कि आजादी मिलने के साथ ही मुहम्मद अली जिन्ना पाकिस्तान के और लॉर्ड माउंबेटन भारत के गवर्नर जनरल बने. पंडित जवाहरलाल नेहरू भारत और लियाकत अली खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री बनाए गए. भले ही माउंटबेटन को गवर्नर जनरल बनाया गया था पर उनको राष्ट्रपति जैसे अधिकार नहीं दिए गए थे.

 

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जून 1948 में लॉर्ड माउंटबेटन की जगह सी राजगोपालाचारी भारत के पहले और अंतिम भारतीय गवर्नर जनरल बनाए गए. संविधान सभा द्वारा तैयार किया गया संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू होने के साथ ही गवर्नर जनरल का पद खत्म हो गया और संवैधानिक शक्तियां राष्ट्रपति पद में निहित हो गईं.

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