पत्रकारों को केजरीवाल से पंगा पड़ा महंगा

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दिल्ली के उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के मीडिया सलाहकार अरुणोदय प्रकाश और अमर दीप तिवारी द्वारा चलाए जा रहे तीन विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुप से 18 अप्रैल को छह पत्रकारों को निकाल दिया गया।

ग्रुप से उन चुनिंदा पत्रकारों को निकाला गया है जिन्होंने मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनकी सरकार की आलोचना की थी। इस ग्रुप के माध्यम से सरकार मीडिया को जानकारी उपलब्ध कराती है।

राजकिशोर पर केजरीवाल का निशाना

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दैनिक जागरण के नेशनल ब्यूरो चीफ राजकिशोर को निशाने पर लिया। दरअसल राजकिशोर ने केजरीवाल सरकार की नीतियों (जिनमें ऑड-ईवन कार्यक्रम भी शामिल हैं) को लेकर ट्विटर पर अपनी राय रखी थी। इसके बाद उन्हें दिल्ली सरकार के व्हाट्‍सएप ग्रुप से हटा दिया गया।

दरअसल, राजकिशोर ने दिल्ली सरकार की महत्वाकांक्षी ऑड-ईवन योजना पर सवाल उठाते हुए ट्‍वीट किया था- ‘तो अरविन्द केजरीवाल भी चमड़े के सिक्के चलाएंगे। वह भी जनता की खाल उतारकर। जवाब ने केजरीवाल ने ट्‍वीट के जरिए उन्हें गंभीर पत्रकारिता की नसीहत दे डाली।

राजकिशोर ने एक अन्य ट्‍वीट में कहा कि ने भाई अपने व्यक्तिगत अकाउंट से सवाल उठाने का हक तो मुझे होना चाहिए। जो आपके विरोध में हो इसकी हस्ती मिटा देंगे क्या?

उन्होंने कहा कि मेरे सवाल गंभीर थे, जिस पर केजरीवाल जी को बुरा लगा और ऐसे मुझ पर हमले!! और क्या सबूत?

ABP के जैनेन्द्र कुमार भी बाहर

इसके अलावा एबीपी न्यूज के रिपोर्टर जैनेन्द्र कुमार भी इस ग्रुप से जुड़े हुए थे जिन्हें निकाल दिया गया। जैनेन्द्र ने खुद को निकाले जाने का स्क्रीनशॉट ट्विटर पर पोस्ट किया है।

विवाद की शुरूआत

यह विवाद तब शुरू हुआ जब एनडीटीवी के पत्रकार रवीश रंजन शुक्ला ने एनडीटीवी की वेबसाइट पर एक ब्लॉग लिखा। 16 अप्रैल को ब्लॉग पब्लिश होने के बाद सबसे पहले रवीश रंजन को ग्रुप को निकाला गया था।

हालांकि रवीश ने ब्लॉग में किसी का नाम नहीं लिया। ग्रुप से निकाले जाने के बाद उन्होंने सरकार के फासीवादी व्यवहार को लेकर ट्वीट किया।

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