अरुणिमा सिन्हा को रेलवे देगा 7.20 लाख रुपये हर्जाना
वॉलिबॉल खिलाड़ी और पर्वतारोही अरुणिमा सिन्हा ने सात साल की लंबी कानूनी लड़ाई के बाद सोमवार को रेलवे से मुआवजा पाने का हक हासिल कर लिया। रेलवे ने माना कि ट्रेन में अरुणिमा को सुरक्षा मुहैया करवाने में चूक हुई जिसकी वजह से 7 साल पहले वह हादसे का शिकार हुईं।
टिकट सबूत के तौर पर शुरुआत में ही सौंप दिया गया था
रेलवे क्लेम्स ट्राइब्यूनल -लखनऊ बेंच ने रेलवे को सात लाख बीस हजार रुपये मुआवजा देने का आदेश जारी किया है। मुआवजे की राशि पर एक जनवरी 2017 से 6 प्रतिशत ब्याज भी रेलवे को देना होगा।अरुणिमा के वकील जानकी शरण पांडेय ने बताया कि रेलवे अब तक अरुणिमा को रेलयात्री ही नहीं मान रहा था जबकि अरुणिमा का ट्रेन टिकट सबूत के तौर पर शुरुआत में ही सौंप दिया गया था।
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रेलवे का यह भी कहना था कि वह जानबूझकर ट्रेन से कूदी हैं। रेलवे ने कहा था कि 11 अप्रैल 2011 को धनेती स्टेशन पर पद्मावती एक्सप्रेस में हुए हादसे में अरुणिमा की लापरवाही थी। लंबी कानूनी लड़ाई के बाद अब रेलवे ने अपनी चूक मान ली है।
संघर्ष के सात साल
बता दें, 11 अप्रैल 2011 को खिलाड़ी अरुणिमा सिन्हा पद्मावत एक्सप्रेस से लखनऊ से दिल्ली जा रही थीं। बरेली से पहले धनेती रेलवे स्टेशन पर कुछ अराजकतत्वों ने उनके साथ बुरी तरह से मारपीट की और उन्हें धक्का देकर ट्रेन से फेंक दिया। स्टेशन मास्टर से सूचना मिलने पर पहुंची रेलवे पुलिस ने उन्हें जिला अस्पताल में भर्ती करवाया था। हालत में सुधार न होने पर अरुणिमा को दिल्ली भेजा गया था जहां उनका पैर काटना पड़ गया। बाद में अरुणिमा ने कृत्रिम पैर के सहारे एवरेस्ट फतेह किया।
NBT
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