अरुण जेटली : आम जनता को नही होंगी इससे कोई दिक्कत
कंप्यूटर डेटा पर निगरानी के लिए 10 एजेंसियों को अधिकार दिए जाने पर छिड़े विवाद को लेकर सरकार का पक्ष सामने आया है। विपक्ष के हमले का जवाब देते वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्य सभा में कहा कि इससे आम लोगों के जीवन पर कोई असर नहीं होगा।
उन्होंने इस मसले पर विपक्ष के सवालों का जवाब देते हुए कहा, ‘कंप्यूटर इंस्ट्रूमेंट्स आने शुरू हुए तो पिछले 18 वर्ष पहले इन्फर्मेशन टेक्नॉलजी ऐक्ट आया था।
इसके सेक्शन 69 के तहत यह कहा गया कि राष्ट्रीय सुरक्षा, संप्रभुता और एकता को लेकर किसी चिंताजनक स्थिति में सक्षम एजेंसियां यह जांच कर सकती हैं।’ हालांकि जेटली के इस जवाब से राज्य सभा में नेता प्रतिपक्ष गुलाम नबी आजाद संतुष्ट नहीं दिखे और उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि आदेश में कहीं भी राष्ट्रीय सुरक्षा का जिक्र नहीं है।
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जेटली ने कहा कि यह नियम 2009 में बनाया गया था। समय-समय पर ऐसा आदेश जारी किया जाता रहा है, जिसमें ऐसी जांच के लिए एजेंसियों को अधिकृत किया जाता रहा है। इसमें आम लोगों पर निगरानी जैसी कोई बात ही नहीं है। अरुण जेटली ने कहा कि आईटी ऐक्ट के सेक्शन 69 के तहत इस आदेश को जारी किया गया है, जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा का जिक्र है। ऐसे में इसके तहत आम आदमी के अधिकारों और उनकी प्रिवेसी में दखल का कोई सवाल ही नहीं उठता है।
राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर ही जारी किया गया है
हालांकि विपक्षी नेता जेटली के जवाब से संतुष्ट नहीं हुए और उच्च सदन में हंगामा करते रहे। राज्य सभा में कांग्रेस के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि इस आदेश में ऐसा जिक्र नहीं किया गया है कि यह आदेश राष्ट्रीय सुरक्षा के मद्देनजर ही जारी किया गया है और आम लोगों पर इसका कोई असर नहीं होगा।
राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर प्रावधानों का जिक्र
इस पर जेटली ने जवाब देते हुए कहा कि आदेश में सेक्शन 69 के तहत एजेंसियों को अधिकार देने की बात कही गई है। इस सेक्शन में राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर प्रावधानों का जिक्र किया गया है। सरकार के मुताबिक ऐसा आदेश किसी सरकार ने पहली बार जारी नहीं किया है बल्कि विभिन्न खतरों से देश को बचाने के लिए इस तरह के प्रावधान पहले से मौजूद रहे हैं।
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