वित्तीय प्रोत्साहन की बात कभी नहीं की : जेटली
भारत के वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि भारत सरकार ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए कोई वित्तीय प्रोत्साहन पैकेज घोषित करने की बात कभी नहीं की। जेटली ने अमेरिका की अपनी सप्ताहभर लंबी यात्रा के अंत में यहां शनिवार को संवाददाताओं से कहा, “मैंने ये शब्द (वित्तीय प्रोत्साहन) कभी नहीं कहे। मैंने कहा था कि हम स्थितियों पर प्रतिक्रिया करेंगे और आपकी बिरादरी ने ‘प्रतिक्रिया’ शब्द का अनुवाद कर उसे प्रोत्साहन कर दिया।”
उन्होंने कहा, “इसलिए इसका उत्तर आप लोगों को ही देना चाहिए, मुझे नहीं।” उन्होंने आगे कहा कि चूंकि भारतीय मीडिया ने वित्तीय प्रोत्साहन शब्द का जिक्र किया है, लिहाजा इसके बारे में आप सब को उन्हीं से पूछना चाहिए।सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) और औद्योगिक उत्पादन जैसे प्रमुख संकेतकों में हाल में हुई तीव्र गिरावट के बाद जेटली ने पिछले सप्ताह अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के उपायों के एक पैकेज का संकेत दिया था। उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से विचार-विमर्श बाद उपायों की घोषणा की जाएगी।
जेटली ने कहा, “हमने उपलब्ध सभी आर्थिक संकेतकों को संज्ञान में लिया है। सुधारों के एजेंडे पर यह सरकार आगे बढ़कर काम करती रही है। मैं मंत्रिमंडलीय सहयोगियों और विभिन्न सचिवों के साथ कई बार चर्चा की है।”जेटली ने नई दिल्ली में केंद्रीय कैबिनेट की एक बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा था, “सरकार प्रधानमंत्री से विचार-विमर्श करने के बाद आने वाले दिनों में अतिरिक्त कदम उठाएगी। जब भ्ी कदम उठाए जाएंगे, आपको बता दिया जाएगा।”
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जेटली अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) और विश्व बैंक की वार्षिक बैठकों में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिकी कंपनियां भारत में बड़े पैमाने पर निवेश कर रही हैं।
उन्होंने कहा, “आपके पास ऐसे भारतीय हैं, जो अमेरिका में निवेश कर रहे हैं, आपके पास अमेरिकी कंपनियां हैं जो भारत में निवेश कर रही हैं और नवंबर में अमेरिकी कॉरपोरेट्स का एक बड़ा दस्ता भारत में निवेश करने के लिए आ रहा है।”