अनुच्छेद 370 खत्म : विपक्ष खटखटा सकता है सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

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केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने सोमवार को अनुच्छेद 370 हटाने वाले संकल्प को राज्यसभा में पेश किया। राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर आरक्षण संशोधन बिल पेश करते हुए गृहमंत्री ने चार संकल्प पेश किए।

इसी के तहत शाह ने अनुच्छेद 370 के खंड (क) को छोड़कर पूरे अनुच्छेद को खत्म करने का प्रस्तावा किया है। हालांकि इस अनुच्छेद को खत्म करने की राह में अभी बाधाएं हैं।

माना जा रहा है विपक्षी दल सरकार के इस कदम को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। ऐसे में सवाल उठता है कि केंद्र सरकार के इस प्रस्ताव के बाद अनुच्छेद 370 कैसे खत्म किया जाएगा।

विधेयक पर होगी बहस-

बता दें कि आर्टिकल 370 के खंड (क) के मुताबिक, संविधान के अनुच्छेद 238 के उपबंध जम्मू-कश्मीर राज्य के संबंध में लागू नहीं होते है।

मालूम हो कि सरकार ने शाह ने राज्यसभा में जम्मू एवं कश्मीर राज्य पुनर्गठन विधेयक 2019 पेश किया। चूंकि इसे एक विधेयक के रूप में पेश किया गया है इसलिए इस पर बहस होगी।

संविधान के मुताबिक, राष्ट्रपति अनुच्छेद 370 को खत्म करने की अधिसूचना तभी निकाल सकते हैं जब राज्य की संविधान सभा ऐसा करेगी।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में अभी राज्यपाल शासन लागू है। ऐसे में यह नियम यहां पर लागू नहीं होता है।

सरकार के फैसले को कोर्ट में चुनौती-

माना जा रहा है कि विपक्षी दल केंद्र सरकार के इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। आर्टिकल 370 को पूरी तरह से हटाने की वास्तविक प्रक्रिया कुछ और ही है। यह एक संवैधानिक प्रक्रिया होती है।

कहा जा रहा है कि पीएम मोदी निजी तौर पर देश के कई मुख्यमंत्रियों से बातचीत करेंगे और उनसे विधेयक 370 को खत्म करने पर समर्थन मांग सकते हैं।

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