हिंदू धर्म में तुलसी, बरगद समेत कई पेड़-पौधों की पूजा की जाती है, पीपल का पेड़ भी उनमें से एक है. धार्मिक मान्यता है कि पीपल के पेड़ पर देवी लक्ष्मी का वास होता है. यही कारण है कि शनिवार के दिन पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाने से मां लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है. शनिवार के दिन पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने का भी महत्व है. मान्यता के अनुसार वृक्ष की पूजा करने से जीवन में सुख-समृद्धि आती है. पीपल के वृक्ष की परिक्रमा का भी विशेष महत्व है. आखिर क्यों की जाती है पीपल के पेड़ की परिक्रमा, जानिए हैरान कर देने वाला कारण…
पीपल के पेड़ का वैज्ञानिक महत्व…
पीपल के पेड़ का न केवल धार्मिक महत्व है बल्कि वैज्ञानिक दृष्टि से भी यह पेड़ बहुत चमत्कारी है. पीपल का पेड़ प्राणवायु छोड़ता है. मनुष्य के लिए आवश्यक ऑक्सीजन. वहीं हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार अगर किसी व्यक्ति का स्वास्थ्य ठीक नहीं रहता है तो पीपल के पेड़ की 108 परिक्रमा करने से लाभ मिलता है. मंत्र के साथ पीपल के पेड़ की परिक्रमा करने से बहुत राहत मिलती है. ऐसा कहा जाता है कि यह शरीर में पित्त और वात को संतुलित करता है.
पीपल के पेड़ का धार्मिक महत्व…
हिंदू धर्म की मान्यता के मुताबिक पीपल के पेड़ में सभी देवी-देवताओं का वास माना जाता है, जिनमें शनिदेव भी प्रमुख हैं. पीपल के पेड़ पर जल चढ़ाने और दीपक जलाने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और सुख-सौभाग्य देते हैं.शनिदेव को क्रोधी देव माना जाता है. अगर वह किसी पर प्रसन्न हो जाएं तो जिंदगी संवार देते हैं और अगर बिगड़ जाएं तो जिंदगी बर्बाद कर देते हैं.कुंडली में मौजूद शनि दोष से मुक्ति पाने के लिए हर महीने की अमावस्या और शनिवार को पीपल के पेड़ की सात परिक्रमा करने का विधान है.साथ ही सरसों के तेल का दीपक जलाना भी शुभफलदायी है. इस उपाय को करने से शनि के प्रकोप से मुक्ति मिलती है.
पीपल का पेड़ मानसिक शांति देता…
मानसिक शांति के लिए पीपल के वृक्ष की परिक्रमा भी की जाती है. मान्यता है कि ब्रह्म मुहूर्त में पीपल के पेड़ की परिक्रमा करने से मन शांत रहता है. मन में भय या बुरे विचार नहीं आते. वहीं, अगर प्रतिदिन पीपल के पेड़ की परिक्रमा की जाए तो आर्थिक संकट से मुक्ति मिलती है.
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