चाचा-भतीजे की लड़ाई खत्म कराएंगी छोटी बहू ?
समाजवादी पार्टी के मुखिया मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू और समाजसेवी अपर्णा यादव बाराबंकी में शुक्रवार को निजी स्कूल के कार्यक्रम में शिरकत करने पहुंची थीं। इस दौरान उन्होंने जो बयान दिया उसके कई राजनीतिक मायने निकाले जाने शुरु हो गए हैं। दरअसल, अपर्णा यादव सरकार बनाने के लिए चाचा शिवपाल यादव और भजीते अखिलेश यादव के बीच की खाई को पाटने का काम कर रही हैं।
2019 के लोकसभा चुनाव से पहले सपा-बसपा गठबंधन के सवाल पर मुलायम की छोटी बहू का कहना है कि अगर दोनों का गठबंधन हो जाए तो बहुत अच्छी बात है। क्योंकि पिछले काफी समय से दोनों ही पार्टियां गठबंधन के लिए कोशिश कर रही हैं, लेकिन उसका कोई असर होता नहीं दिख रहा।
ऑफर आने के बाद में चर्चा की जाएगी
वहीं चाचा शिवपाल के गठबंधन में शामिल होने पर अपर्णा ने कहा कि अगर उनके पास दोनों की तरफ से कोई ऑफर आता है तो वह इसे जरूर स्वीकार करेंगे। क्योंकि चाचा जी पहले भी कह चुके हैं कि गठबंधन में शामिल होने के लिए तैयार हैं। गठबंधन की शर्तों पर ऑफर आने के बाद में चर्चा की जाएगी।
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अखिलेश यादव से नाराजगी की बात से इनकार करते हुए अपर्णा यादव ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। अपर्णा ने कहा कि उनकी सपा से कोई दूरी नहीं और वह आज भी उसकी मेंबर हैं। शिवपाल के साथ मैं इसलिए नजर आती हूं, क्योंकि वह हमारे परिवार के बड़े हैं और मैं उनकी बहुत इज्जत करती हूं।
नेताजी के आशीर्वाद के चलते ही मैं राजनीति में आई हूं
मेरे मन में किसी के प्रति कोई खटास नहीं है। वहीं जब उनसे पूछा गया कि वह शिवपाल के साथ हैं या अखिलेश के खेमे में, तो उन्होंने बड़ी चतुराई से जवाब देते हुए कहा कि वह नेताजी के साथ हैं। मैंने नेताजी के साथ हमेशा मंच साझा किया है। नेताजी के आशीर्वाद के चलते ही मैं राजनीति में आई हूं। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान जिस तरह का समीकरण बनेगा, उसको देखते हुए वहा चुनाव लड़ने की रणनीति के बारे में ऐलान करेंगी।
अपर्णा ने आगे कहा कि नेताजी किसके साथ हैं, यह उन्होंने अभी तक किसी को नहीं बताया। लेकिन उनका आशीर्वाद दोनों के साथ है। यादव परिवार की एकता के सवाल पर अपर्णा ने कहा कि हम हमेशा यही चाहते हैं कि सभी एकजुट रहें। विचारधारा अलग होने के चलते चाचा जी ने अलग पार्टी बनाई है। हमारे लिए परिवार हमेशा एक है और मैं उसमें ब्रिज का काम करती हूं। मुझे जो सही लगेगा, सही समय आने पर वही करूंगी। मुझे पार्टी से चाचा जी के अलग होने का दुख है।
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