मैनपुरी : ठेले पर ही थम गईं सांसें, नहीं मिली ऐम्बुलेंस

Ambulance

यूपी के मैनपुरी से हृदयविदारक खबर आयी है जब ऐम्बुलेंस Ambulance न मिलने से ठेले पर एक महिला को अस्पताल ले जाते समय रास्ते में ही उसकी सांसें उखड़़ गयीं। यह वाकया वाकई हैरान करने वाला है। इससे पता चलता है कि हमारी स्वास्थ्य व्यवस्था का क्या हाल है!

पति और बेटा भी जयपुर में फंसे

यूपी के मैनपुरी में लॉकडाउन के दौरान एक बीमार महिला को अस्पताल ले जाने के लिए Ambulance नहीं मिली। पति और बेटा भी जयपुर में फंसे थे। परिजन उसे ठेले पर ही लिटाकर जिला अस्पताल के लिए निकले लेकिन महिला ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।

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Ambulance का नंबर डायल कर मदद मांगी गई

लॉकडाउन के सन्नाटे में अचानक से महिला गुड्डी देवी की तबीयत बिगड़ गई। Ambulance का नंबर डायल कर मदद मांगी गई। लेकिन टरका दिया गया। जब एक और नंबर घुमाया गया तो वहां से भी निराशा हाथ लगी। गुजरते वक्त के साथ गुड्डी की सांसें अटकती जा रही थीं। किसी तरह ठेले पर लेकर जब तक घरवाले अस्पताल पहुंचे, बहुत देर हो चुकी थी। लॉकडाउन के बीच यूपी के मैनपुरी में Ambulance बीमार है और मरीज दम तोड़ने को मजबूर।

परिजन ठेले पर ही लिटाकर जिला अस्पताल के लिए निकले

रविवार को मैनपुरी से दिल को झकझोर देने वाली खबर आई। यहां लॉकडाउन में एक बीमार महिला को अस्पताल ले जाने के लिए मैनपुरी में न तो ऐम्बुलेंस मिली और न ही प्राइवेट वाहन। पति और बेटा भी जयपुर में फंसे थे। परिजन उसे ठेले पर ही लिटाकर जिला अस्पताल के लिए निकले लेकिन महिला ने रास्ते में ही दम तोड़ दिया।

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सरकारी Ambulance सेवा के लिए 102 नंबर ने टरका दिया

शहर के मोहल्ला कटरा निवासी 42 साल की गुड्डी देवी के पति लक्ष्मी राठौर और बेटा जयपुर में प्राइवेट नौकरी करते हैं। लॉकडाउन की वजह से दोनों वहीं पर फंसे हुए हैं। रविवार सुबह गुड्डी देवी की अचानक तबीयत बिगड़ गई। परिजनों ने सरकारी Ambulance सेवा के लिए 102 नंबर पर फोन किया।

परिजनों को निजी वाहन भी नहीं मिला

परिजनों के मुताबिक उन्होंने 102 नंबर पर समस्या बताई तो वहां से 108 पर फोन करने के लिए कह दिया गया। 108 नंबर पर फोन किया तो Ambulance पर तैनात ईएमटी ने कहा कि Ambulance अभी नहीं आ पाएगी। गाड़ी दूर है। लॉकडाउन के कारण परिजनों को कोई निजी वाहन भी नहीं मिला।

इमरजेंसी वॉर्ड से पहले ही सांसें थम चुकी थीं

गुड्डी देवी की तबीयत ज्यादा बिगड़ने पर परिजन उनको ठेले पर ही लिटाकर जिला अस्पताल के लिए चल दिए। किसी तरह परिजन अस्पताल के इमरजेंसी वॉर्ड में पहुंच गए। लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। गुड्डी की सांसें थम चुकी थीं। डॉक्टर ने जांच के बाद गुड्डी देवी को मृत घोषित कर दिया।

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