गजब वाराणसी कमिश्नरेट पुलिस, दो माह बाद दर्ज किया महिला तीर्थयात्री से 3 लाख के सोने की छिनैती का मुकदमा

मध्य प्रदेश और हैदराबाद से बाबा विश्वनाथ के दर्शन को काशी आया था परिवार, 13 मई को हुई थी घटना

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वाराणसी पुलिस कमिश्नरेट बनने के बाद काशीवासियों में उम्मीद जगी थी कि उन्हें त्वरित न्याय मिलेगा. पुलिसिंग बेहतर होगी और आम आदमी के प्रति पुलिस के रवैये में सुधार देखने को मिलेगा. लेकिन यह उम्मीद चार दिन की चांदनीवाली ही रह गयी. वैसे भी वाराणसी प्रधानमंत्री का संसदीय क्षेत्र है और खुद मुख्यमंत्री यहां सौ बार से अधिक आकर कानून-व्यवस्था से लेकर विकास योजनाओं की समीक्षा कर चुके हैं. इसके बाद भी पुलिस वही पुराने रवैये पर कायम है. ताजा मामला लंका थाने का है.

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इस क्षेत्र में मध्यप्रदेश के सिंगरौली से काशी दर्शन को आये परिवार के साथ तीन लाख रूपये मूल्य का सोने की चेन और मंगलसूत्र उच्चके छीनकर भाग गये. भुक्तभोगी की शिकायत पर थाना प्रभारी ने परिवार को मीठी गोली देकर टरका दिया और मुकदमा भी नहीं दर्ज किया. अब जब भुक्तभोगी ने पुलिस कमिश्नर से शिकायत की तो डेढ़ माह बाद लंका पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया. सिंगरौली मध्य प्रदेश के जयंत में एनसीएल दूधीचुआ परियोजना में नौकरी करने वाले लक्ष्मी नारायण अपने परिवार और बहन-बहनोई के साथ 13 मई को काशी भ्रमण के लिए आए थे. उस दिन प्रधानमंत्री का रोड शो होने के कारण अत्यधिक भीड़ थी.

बहन को धक्का दे गिराया और ले भागे मंगलसूत्र, चेन

लक्ष्मी नारायण ने बताया कि वह अपनी बहन-बहनोई और परिवार के साथ काशी विश्वनाथ का दर्शन-पूजन कर वापस लौट रहे थे. लंका क्षेत्र में पहुंचने पर उनकी बहन को अज्ञात लोगों ने धक्का देकर गिरा दिया. इसके बाद बहन के गले से सोने का मंगलसूत्र और चेन नोचकर भाग निकले. मंगलसूत्र और चेन की कीमत तीन लाख रूपये है. भीड़ में उनकी बहन और वह खुद शोर मचाते उचक्कों के पीछे दौड़े लेकिन उचक्के भीड़ का फायदा उठाकर भाग गये. फिर इस घटना से भयभीत लक्ष्मी नारायण और परिवार के लोग तत्काल लंका थाने पहुंचे औ प्रभारी निरीक्षक लंका को पूरी घटना की जानकारी दी. आरोप है कि थाना प्रभारी ने मंगलसूत्र और सोने की चेन वापस दिलाने का भरोसा दिलाया और बिना रिपोर्ट दर्ज किये वापस लौटा दिया. लक्ष्मी नारायण की बहन और बहनोई हैदराबाद में रहते थे और दूसरे ही दिन 14 मई को उनकी फ्लाइट थी. इसलिए दोनों हैदराबाद और लक्ष्मी नारायण परिवार के साथ मध्य प्रदेश चले गए.

लक्ष्मी नारायण को पुलिस कमिश्नर से करनी पड़ी शिकायत

लेकिन काफी समय बीतने के बाद भी मुकदमा दर्ज न होने पर परिवार को चिंता हुई. लक्ष्मी नारायण वाराणसी आये और पुलिस कमिश्नर से मिलकर शिकायत की. कहते हैं कि पुलिस कमिश्नर के आदेश पर उनकी बहन का मंगलसूत्र और चेन छीनने का अब मुकदमा दर्ज हो सका. इस घटना से यह आसानी से समझा जा सकता है कि भुक्तभोगी परिवार के लोगों के मन में यहां की पुलिस की छवि क्या बनी होगी ? सरकार से लगायत स्थानीय प्रशासन काशी विश्वनाथ धाम के प्रचार-प्रसार और बाहर से आनेवाले श्रद्धालुओं की सुरक्षा पर लम्बे-चौड़े दावे करता है. लेकिन मध्यप्रदेश और हैदराबाद से आये परिवार के साथ घटित घटना और उनके खिलाफ पुलिस अधिकारी का व्यवहार क्या काशी की छवि को प्रभावित नही करता? यह यहां के प्रशासन के लिए बड़ा और गंभीर सवाल है. वह भी यह घटना तब हुई जब खुद पीएम का रोड शो चल रहा था.

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