वाराणसी में उलूक महोत्सव: फ्लैट में विराजे उलूक देव, बजी पिपिहरी, आज लगेंगे ठहाके

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हर साल की तरह इस बार भी उलूक देव महाराज का शुक्रवार को महादेव की नगरी में आगमन हुआ. वाराणसी के छोटी गैबी अखाड़े में खीरोंच के पेड़ पर उनका फ्लैट (कोटर) बनाया गया. रंग-रोगन के बाद उलूक महाराज की पिपिहरी बजाकर आरती उतारी गई. इसके साथ ही आज यानी शनिवार गोष्ठी की ओर से होने वाले उलूक महोत्सव की शुरुआत हो गई.

हास्य रस की बहेगी गंगा

उलूक महोत्सव का मुख्य आयोजन शनिवार को मारवाड़ी समाज भवन लक्सा में होगा. इस दौरान पूर्वांचल समेत कई राज्यों के हास्य कवि अपनी कविताओं के जरिये हास्य रस की गंगा बहाएंगे. संस्था के उपाध्यक्ष डॉ. रमेश दत्त पांडेय, विवेक सिंह और दिलीप सिंह ने बताया कि शहर में उलूक देव का आगमन हो गया है. उलूक देवता महाराष्ट्र और झारखंड के चुनाव के कारण इस बार थोड़ा देर से काशी आए. उलूक मां लक्ष्मी की सवारी है इसलिए चुनाव के हिसाब से धनलक्ष्मी की सबसे ज्यादा जरूरत वहां थी.

अब उलूक देवता काशी में आ चुके हैं तो माता लक्ष्मी का भी प्रवास काशी में रहेगा. संयोजक हास्य कवि डॉ. दमदार बनारसी ने बताया कि उल्लू घर में खुशहाली का प्रतीक है इसलिए अमेरिका जैसे दुनिया के सबसे संपन्न देश ने उल्लू को राष्ट्रीय पक्षी का दर्जा दिया है और सबसे बड़ी बात ये है कि समझदार के बहुत सारे दुश्मन होते हैं लेकिन उल्लू टाइप लोगों का कोई दुश्मन नहीं होता. आदमी की सबसे खास उनकी पत्नी के लिए भी उल्लू टाइप पति उसकी पहली पसंद होते हैं.

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ये कवि रहेंगे मौजूद

उलूक महोत्सव में सांड़ बनारसी, शंकर कैमूरी, डॉ. प्रशांत सिंह, अजीत शुक्ला, प्रियंका मिश्रा, प्रशांत बजरंगी, रोहित पांडेय, दमदार बनारसी, प्रीति पांडेय, बिहारी लाल अंबर हास्य कविताओं का पाठ करेंगे.

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