इलेक्ट्रीसिटी विधेयक के विरोध में विद्युत कर्मी करेंगे हड़ताल
संसद के शीतकालीन सत्र में इलेक्ट्रीसिटी बिल अमेंडमेंट पास कराने की सुगबुगाहट के बीच आल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन सरकार से इस बिल को जल्दबाजी में पारित न करने की मांग की है।फेडरेशन ने बिल के विरोध में देश भर में विद्युत कर्मियों से हड़ताल करने की अपील भी की है।
बिल पास कराने में सरकार न करे जल्दबाजी
फेडरेशन का कहना है कि केन्द्रीय ऊर्जा मंत्री आर.के. सिंह से मांग की है कि इलेक्ट्रिसिटी बिल के दूरगामी परिणामों को देखते हुए केंद्र सरकार बिल पास कराने में जल्दबाजी न करे और इस बाबत आगे बढ़ने से पहले बिजली इंजीनियरों, कर्मचारियों एवं उपभोक्ताओं के साथ बिजली के क्षेत्र में विगत 26 साल से किये जा रहे प्रयोगों पर विस्तृत वार्ता की जाए।
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केंद्रीय विद्युत मंत्री को पत्र लिखकर कराया अवगत
आल इंडिया पावर इंजीनियर्स फेडरेशन के चेयरमैन शैलेन्द्र दुबे ने केंद्रीय विद्युत मंत्री आर.के. सिंह को शनिवार को भेजे पत्र में कहा है कि तथाकथित सुधारों के नाम पर विशेषज्ञों की राय के विपरीत विगत छब्बीस सालों में देश के सभी बिजली बोर्डो का विघटन कर निगमीकरण और निजीकरण किया गया।
बिजली बोर्ड कुल घाटा 43 हजार करोड़
इसका दुष्परिणाम यह है कि इलेक्ट्रिसिटी एक्ट 2003 बनाने के समय बिजली बोर्डो का जो कुल घाटा जो 43 हजार करोड़ था वह अब बढ़कर 9.6 लाख करोड़ तक पहुंच गया है। इसलिए इसके विरोध में बिजली इंजीनियर व्यापक जन जागरण अभियान चलाएंगे। इसके साथ ही फेडरेशन ने बिजली के क्षेत्र में चल रहे मेगा घोटालों का खुलासा करने का भी निर्णय लिया गया है।